UP: 86 लाख किसानों के आए अच्छे दिन, 1 लाख तक का कर्ज माफ
योगी सरकार ने दिया यूपी के किसानों को तोहफा, 36,359 करोड़ का कर्ज हुआ माफ़
योगी सरकार ने पहली कैबिनेट की बैठक में किसानों को बड़ी राहत देते हुए एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई पहली मंत्रिमंडलीय बैठक में यह फैसला किया गया है.
कर्ज माफी के लिए योगी सरकार 36 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. फिलहाल प्रदेश के 2.15 करोड़ किसानों का एक लाख रुपये कर्ज माफ होगा. वहीं सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे किसानों के साथ धोखा बताया है.
कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसलों की पूरी जानकारी दी.
क्या हैं प्रमुख ऐलान गेहूं किसानों के लिए
सीएम ने प्रदेश में 5000 गेंहू खरीद के केंद्र ठीक से काम करें ये सुनिश्चित किया जाएगा.
कुल 80.25 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीद का लक्ष्य रखा गया है.
40 लाख मीट्रिक टन पहले चरण में खरीदा जाएगा.
जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि मांग के आधार पर और केंद्र बढ़ाए जा सकते हैं.
1625 रुपए कि एमएसपी के साथ 10रुपए प्रति क्विंटल ढुलाई के लिए दिए जाएगें.
पैसे सीधे किसान के खातें में जाएं जिससे कि बिचौलियों से बचा जा सके.
MSP के आलावा प्रत्येक टन गेहूं पर 10 रुपए ढुलाई और लदाई दी जाएगी,
बैठने की जगह हो और सफाई हो इसका भी ख्याल रखा जाएगा.
आलू किसानों के लिए
आलू की पैदावार अच्छी होती है लेकिन किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलता है.
बड़ी तादात में आलू की पैदावार में खर्च भी नहीं पूरा हो पाता है.
सरकार सुनिश्चित करेगी कि आलू किसान को कैसे लाभ मिल सकता है.
आलू किसानों को सही कीमत दिलाने के लिए भी एक कमेटी का गठन.
एंटी रोमियो स्क्वायड
जोड़ों से बेवजह पूछताछ कर उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा.
महिलाओं और वंचित वर्ग को असुरक्षा का भाव रहता था.
पहले स्कूल-कॉलेज की लड़कियों को असुरक्षित महसूस होता था कुछ दलों के द्वारा को एंटी रोमियो स्क्वायड बदनाम करने कि कोशिश की गई लेकिन जनता इसकी तारीफ कर रही है.
उद्योग नीति
नई उद्योग नीति लाई जाएगी. इसके लिए मंत्री समूह बनाया गया है .
उद्योग नीति के लिए दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी गठित.
अन्य फैसले:
केशव मौर्या की अध्यक्षता में अवैध खनन को नियंत्रित करने के लिए टीम का गठन.
गाजीपुर में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण.
26 अवैध स्लाटर हाउस हैं उन्हे ही बंद किया गया है. इसके अतिरिक्त जहां भी बंद हुआ है वो बंदरहेगा.
लाइसेंस को रिन्यू करने में सरकार को कोई आपत्ति नहीं.
NGT के निर्देशों का पालन किया जाएगा. इसी के मुताबिक योजनाएं आगे बढ़ाई जाएंगी.
अखिलेश ने साधा निशाना
यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश ने योगी सरकार के इस फैसले को किसानों के साथ धोखा बताया है.
यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद ताबड़तोड़ फैसले करके सुर्खियों में आए योगी आदित्यनाथ की पहली कैबिनेट पर प्रदेश ही नहीं पूरे देश की नजर लगी हुई है. सबसे बड़ी वजह किसानों की कर्जमाफी के वादे से जुड़ी है. उनके फैसलों की वजह से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं.
सरकार के कई मंत्री कह चुके हैं कि इसी बैठक में कर्जमाफी पर फैसला हो जाएगा. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि पहली कलम से लघु एवं सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कह चुके हैं कि संकल्प पत्र हमारे लिए धर्म ग्रंथ जैसा है. उसमें किया गया हर वादा निभाया जाएगा.
पार्टी ने ‘मुफ्त’ के जो पांच बड़े वादे किए हैं उससे ही सरकार पर करीब 35 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की संभावना है. जबकि उत्तर प्रदेश सरकार पर इस वक्त 2,95,770 करोड़ रुपए का कर्ज है.
यूपी बीजेपी के यूपी मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव के मुताबिक पहली कैबिनेट में ही कर्जमाफी की संभावना है. सभी वादों को पूरा करने में 35 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होगा. वैसे हमें बैठक तक इंतजार करना चाहिए. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा का कहना है कि कैबिनेट की बैठक में क्या होने वाला है यह पार्टी नहीं बताएगी, इसलिए पांच बजे तक इंतजार करना अच्छा होगा.
‘उत्तर प्रदेश विकास की प्रतीक्षा में’ नामक किताब लिखने वाले शांतनु गुप्ता कहते हैं कि भारत एक लोक कल्याणकारी राज्य है. पिछले कुछ वर्षों से सत्ता हासिल करने के लिए लोकलुभावन वादों का दौर चल रहा है. इससे बीजेपी भी अछूती नहीं है. इसलिए उसने भी वादे किए हैं. जो वादे किए हैं उसे पूरा भी करना होगा.