गुजरात पुलिस ने जिग्नेश मेवानी के पीए को किया गिरफ्तार….
गुजरात पुलिस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का फेक वीडियो साझा करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई अहमदाबाद साइबर क्राइम सेल ने की है। आरोपियों की पहचान सतीश वंसोला और राकेश बारिया के रूप में हुई है। खास बात यह है कि वंसोला पिछले छह वर्षों से कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी के निजी सहायक (पीए) के रूप में काम कर रहा है। वहीं, बारिया पिछले चार वर्षों से आप के दाहोद जिला अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं।
वाट्सएप पर मिला था फर्जी वीडियो
पुलिस उपायुक्त, साइबर अपराध, लवीना ने बताया कि दोनों ने गृहमंत्री का संपादित वीडियो को अपने फेसबुक पेज पर साझा किया था। उन्हें यह वीडियो उनके वाट्सएप पर मिला था। जिस व्यक्ति ने वीडियो को एडिट किया उसे पकड़ने के लिए जांच की जा रही है। दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 153 (ए), 505(2) के तहत केस दर्ज किया गया है।
मतदान के दौरान दलित यह कार्रवाई याद रखेंगे
वसोला बनासकांठा जिला कांग्रेस के महासचिव भी हैं। गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस विधायक मेवाणी ने कहा कि बनासकांठा और पाटन लोकसभा सीटों के दलित मतदान के दौरान यह कार्रवाई भूलेंगे नहीं। वंसोला सिर्फ मेरे पीए नहीं हैं, वे मेरे भाई जैसे हैं। बीजेपी का आईटी सेल लंबे समय से फर्जी वीडियो फैला रहा है। लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
फर्जी वीडियो मामले में गृह मंत्रालय गंभीर
दरअसल, सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें छेड़छाड़ की गई है। वीडियो में शाह एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं। एक दिन पहले रविवार को शाह का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले लोगों को खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एफआईआर दर्ज की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लिया है। स्पेशल सेल उन एक्स अकाउंट पर नजर रख रही है, जो इस वीडियो को पोस्ट कर रहे हैं। वीडियो डिलीट करने वाले भी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं।
भाजपा ने दर्ज कराई आपत्ति, अमित मालवीय बोले- कार्रवाई के लिए तैयार रहें
भाजपा ने भी इस वीडियो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में भाजपा ने बताया कि अमित शाह ने एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण को खत्म करने को लेकर कोई बात नहीं की है। वायरल वीडियो पूरी तरह से फर्जी है। उनके वीडियो के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। भाजपा का कहना है कि मूल वीडियो में शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए असंवैधानिक आरक्षण हटाने की बात कही थी। मामले में भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि जिसने भी फर्जी वीडियो साझा किया है, वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें।