29 सीटों में 12 पर जीतेगी कांग्रेस, तीसरे चरण से पहले कांग्रेस का दावा
बीजेपी बोली- कांग्रेस प्रत्याशियों को जमानत के लिए करना पड़ रहा संघर्ष
भोपाल । एमपी में लोकसभा चुनावों के तीन चरण पूरे हो चुके हैं। लिहाजा प्रत्याशी से लेकर राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर रिपोर्ट भी तैयार कर रही हैं। उधर, विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने हाल ही में ताजा रिपोर्ट तैयार कराई है। साथ ही दावा है कि इस बार एमपी की 29 सीटों में कांग्रेस 12 सीटों पर विजय हासिल करेगी। साथ ही चार सीटों पर कड़ी टक्कर की बात कही है।
कांग्रेस पदाधिकारियों ने बताया कि यह रिपोर्ट बूथ एजेंट, स्थानीय प्रत्याशी और चुनाव कार्य में जुटे कार्यकर्ता के साथ मतदाताओं से हुए सर्वे के आधार पर तैयार की गई है। इतना ही नहीं बल्कि मतदान प्रतिशत को लेकर भी आंकड़ों का आकंलन किया गया है। एमपी कांग्रेस ने राजगढ़, मुरैना, छिंदवाड़ा, मंडला, रतलाम, भिंड, सतना में अच्छे मतों से जीत का दावा किया है। तो दूसरी ओर ग्वालियर, बालाघाट, धार, खरगोन और दमोह में नजदीकी जीत का दम भरा।
कांग्रेस पर मोदी की कृपा
मामले पर कांग्रेस विचार विभाग प्रमुख भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की जमीन खिसक रही है, साथ ही आदरणीय विश्व गुरुजी महाप्रभु अगर बीते दिनों सुर्खियों से भरे ऐसे एक-दो भाषण और दे देंगे तो कांग्रेस 29 में से 16 सीट तक भी जा सकती है। आज की तारीख में रिपोर्ट के मुताबिक 12 सीट कांग्रेस जीत रही है। कांग्रेस का प्रचार प्रधानमंत्री स्वयं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बदलाव की बयार में कांग्रेस का घोषणा पत्र 50 लाख बार डाउनलोड हुआ है। हमारी ऑफिशल वेबसाइट पर 85 लाख बार डाउनलोड हुआ। कांग्रेस पर मोदी की कृपा है।
कांग्रेस प्रत्याशियों को जमानत बचाने के लिए संघर्ष
कांग्रेस की रिपोर्ट पर शिवम शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता बीजेपी ने कहा कि विपक्ष को चार जून तक का इंतजार करना चाहिए। मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने की कांग्रेस को पूरी आजादी है। कांग्रेसियों की आडंबरी दुनिया में इसी प्रकार से नेता खुश रहना चाहते हैं। कांग्रेस में बयानों को लेकर ही एकरूपता नहीं है। कोई 20 सीटों पर, तो कमलनाथ 15 सीटों पर, जीतू पटवारी 12 सीटों पर जीत का दावा करते हैं। हकीकत में 29 की 29 सीटों पर इस बार कमल का फूल खिलेगा। कांग्रेस को मध्य प्रदेश में अपनी जमीन भी दिखाई नहीं दे रही है। इसी के कारण ऐसी रिपोर्ट और बयानबाजी कर रहे हैं। जबकि हकीकत तो है कि प्रदेश में कांग्रेस किसी भी सीट पर लड़ाई में नहीं है। कई सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को जमानत बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।