RTI में बड़ा खुलासा, भर्ती परीक्षा में जो मेरिट में पहले स्थान पर रहा उसी का नहीं हुआ चयन

 पांच साल पहले दिल्ली में भारतीय मृदा एवं भू उपयोग सर्वेक्षण की तरफ से निकाली गई जीप चालक की भर्ती में धांधली का आरोप लगा है। मेरिट में पहले स्थान पर आने के बाद भी रोहतक के युवक सुनील को नौकरी नहीं मिली, जबकि उससे कम नंबर वाले अभ्यर्थी का चयन कर लिया गया। युवक को पांच साल तक यह ही नहीं पता चला कि उसे कितने अंक मिले हैं। RTI लगाने के बाद जानकारी मिली कि सुनील ने प्रथम स्थान हासिल किया था तो उसने पीएमओ को शिकायत भेजी है।

बता दें कि सन 2014 में दिल्ली में भारतीय मृदा एवं भू उपयोग सर्वेक्षण की तरफ से जीप चालक के एक पद के लिए भर्ती निकाली गई थी। इस भर्ती में रोहतक के कमला नगर के रहने वाले सुनील कुमार ने भी आवेदन किया था। सुनील कुमार का कहना है कि भर्ती परीक्षा में उसका नाम चयनित उम्मीदवार की सूची में थी, लेकिन बाद में मंत्रालय ने परीक्षा रद करते हुए दूसरे माध्यम से परीक्षा कराने के आदेश दिए थे। इसके बाद दिसंबर 2014 में सभी अभ्यर्थियों को दोबारा बुलाया गया और फिर से परीक्षा हुई। कुछ समय बाद पता चला कि भर्ती प्रक्रिया पूरी हो गई है, जिसमें जतिन कुमार नाम के एक अभ्यर्थी का चयन कर लिया गया।

 

सुनील कुमार का कहना है कि भर्ती में धांधली की आशंका हुई, लेकिन कोई प्रमाण उसके पास नहीं थे। इसके बाद उसने RTI लगाई। कई बार RTI लगाने के बाद अब उसे जो दस्तावेज दिए गए उसमें पर्दाफाश हो गया। RTI में जवाब मिला कि एक पद के लिए तीन अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। तीनों ही अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। उसमें सुनील कुमार का भी नाम था। तीनों अभ्यर्थियों में सबसे अधिक 90 नंबर सुनील कुमार को मिले थे, जबकि दूसरे अभ्यर्थी जतिन को 80 और तीसरा अभ्यर्थी त्रिलोक उसमें फेल हो गया था। यानी कि मेरिट में सर्वाधिक नंबर सुनील कुमार को दिए गए थे। RTI के तहत जो दस्तावेज भेजे गए हैं उसमें स्पष्ट लिखा है कि सुनील कुमार को मेरिट में पहला स्थान मिला है।

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