जहरीली शराब अवैध रूप से रखने वाले आरोपी को हुई सजा
इंदौर । इन्दौर थाना हीरानगर, इंदौर के प्र.क्र 3273/18 में न्यायिक मजिस्ट्रेट ए.के.गुप्ता की अदालत ने निर्णय पारित करते हुये आरोपी शुभम पिता राजू जतेरिया आयु 23 वर्ष निवासी न्यू गौरीनगर इंदौर को धारा 49-ए आबकारी अधिनियम में दोषी पाया है। आरोपी को 1 वर्ष 2 माह 5 दिन का कारावास एवं 200/- रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड अदायगी नहीं किये जाने की स्थिति में 15 दिवस का साधारण कारावास भुगताये जाने का निर्णय पारित किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी एडीपीओ, रामवीर सिंह जाटव के द्वारा की गई।
जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख के अनुसार न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में उल्लेखित किया गया है कि अभियुक्त द्वारा जिस परिस्थिति में अपराध किया गया है उसकी प्रकृति और गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए उसे परिवीक्षा पर छोडा जाना उचित प्रतीत नहीं होता है।
संक्षेप में अभियोजन की कहानी इस प्रकार है कि 21 मार्च 2018 को थाना हीरानगर के सहायक उप निरीक्षक बी.एल.मेंडला को दौराने बीट भ्रमण ऐक्सिस बैंक चौराहे पर बीट में लगे प्रधान आरक्षक शिवराज व आसाराम मिले जिनके साथ हमराह हीरानगर मेन रोड पर मुखबिर द्वारा सूचना मिली एक व्यक्ति आमवाला चौराहे के पास एक सफेद रंग की केन में जहरीली शराब भरकर कहीं ले जाने के लिए किसी का इंतजार कर रहा है। सूचना पर मयहमराह फोर्स एवं राहगीर पंचान को तलब कर मुखबिर की सूचना से अवगत करवाया तथा बताए हुए स्थान पर पहुँचे जहां रोड किनारे खडे लोडिंग ऑटोरिक्शा की आड से देखा कि एक लडका सफेद रंग की प्लास्टिक की केन लेकर खडा है जिसे मय फोर्स की मदद से पकडा। अभियुक्त से उसका नाम पूछने पर उसने अपना नाम शुभम बताया। केन के बारे में पूछने पर अभियुक्त घबराने लगा तब उक्त केन को पंचों एवं फोर्स के समक्ष खोलकर देखा तो उसमें 10 लीटर की केन में देशी शराब मटमैले कलर की भरी हुई मिली । उक्त शराब को सूंघकर व चखवाकर देखा तो तेज जहरीली गंध आई जिससे जी मचलने लगा और चक्कर जैसे आने लगा । शराब सूंघने का पंचनामा तैयार कर अभियुक्त से शराब रखने का लायसेंस पूछते उसने नहीं होना बताया । अभियुक्त का कृत्य धारा 49 ए आबकारी अधिनियम के अंतर्गत होने से मौके पर अभियुक्त् से शराब विधिवत पंचानों के समक्ष जप्त की गई तथा उसमें से एक लीटर शराब सेंपल के रूप में निकालकर जप्ति चिट से चस्पा की थी तथा अभियुक्त को गिरफ्तार कर थाना वापसी पर थाने के अपराध क्रमांक 169/18 पर अपराध पंजीबद्ध किया तथा सेंपल कार्यालय क्षेत्रीय न्यायिक प्रयोगशाला इंदौर में भेजा तथा बाद आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया ।