कश्मीर के घर-घर में तलाशे जा रहे हैं आतंकी, सेना ने उतारे 4 हजार जवान, ड्रोन और चॉपर
सर्च आपरेशन के विरोध में कई स्थानों पर सुरक्षा बलों पर पथराव किया गया। स्थिति बेकाबू होती देख सुरक्षा बलों ने पथराव कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
इनपुट के बाद सुरक्षा बलों ने केशव, नागपाल, उरपोरा, हेफ श्रीमाल, मलदेरा, लाडी, तुर्क वानगाम, आरीपोरा तथा अन्य गांवों को घेरे में लिया। आतंकियों की मौजूदगी का पता लगाने के लिए हेलीकाप्टर और ड्रोन से भी निगरानी की गई। अभियान में सेना की 62 आरआर, 55 आरआर, 44 आरआर, एसओजी शोपियां, इमाम साहिब और जैनपोरा तथा 14 बटालियन सीआरपीएफ की टीम लगी थी।
दक्षिणी कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकी घटनाओं की बाढ़ आ गई थी। चार दिन पहले आतंकियों ने कुलगाम में कैश वैन पर हमला कर सात लोगों की हत्या कर दी थी। इसमें पांच पुलिसकर्मी तथा दो बैंक के गार्ड थे।
बैंक लूट की तीन घटनाओं को अंजाम दिया। पुलवामा के पीडीपी जिलाध्यक्ष की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी। सुरक्षा एजेंसियों के पास इस बात के इनपुट थे कि इलाके में काफी तादाद में आतंकी घरों में छिपे हुए हैं।
घर-घर तलाशी अभियान हो गया था बंद
घर-घर तलाशी अभियान का सिलसिला 1990 के दशक में बंद हो गया था। सुरक्षा बलों ने वीरवार से इसकी दोबारा शुरुआत की।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों को सार्वजनिक स्थान पर एकत्र कर सर्च आपरेशन चलाने के पीछे मकसद सिर्फ किसी प्रकार के नुकसान से बचाना था।