अब मैकडॉनल्ड और केएफसी को टक्कर देने के लिए रेस्तरां खोलेगी बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद
नई दिल्ली: पिछले कई साल से अपने प्राकृतिक तथा आयुर्वेदिक उत्पादों के ज़रिये यूनीलिवर जैसी कंपनियों को टक्कर देती आ रही योगगुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड अब भारत में रेस्तरां बिज़नेस में भी प्रवेश करने की योजना बना रही है, जिससे उनका मुकाबला मैकडॉनल्ड्'स कॉर्प, केन्टकी फ्राइड चिकन कॉर्प तथा सबवे रेस्टॉरेंट्स जैसी कंपनियों से होगा.
ब्लूमबर्ग के अनुसार, उत्तराखंड से संचालित पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के 'ब्रांड एम्बैसेडर' बाबा रामदेव ने नई दिल्ली में गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि कंपनी अब भारतभर में रेस्तरां चेन खोलने की 'व्यापक योजना' बना रही है.
हेज फंडों के मामले में सलाह देने वाली बीलिव कॉर्प (क्चद्गरुद्ब1द्ग ष्टशह्म्श्च) से जुड़े मुंबई स्थित सलाहकार संतोष कानेकर ने कहा, "बाबा रामदेव की व्यापक फैन-फॉलोइंग के चलते उनका क्लायंटेल तैयार है, और इससे पतंजलि भारत में पहले से खासी तादाद में मौजूद फूड रिटेलिंग बिज़नेस में प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ा देगी…" गौरतलब है कि इंडिया फूड फोरम के अनुसार, भारत में कुल खुदरा व्यापार का ५७ फीसदी हिस्सा भोजन ही है, और वर्ष २०२५ तक इसके तिगुना होकर ७१ लाख करोड़ रुपये (११ खरब अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच जाने की संभावना है.
कानेकर ने कहा, "भोजन के मैदान में पहले से ही इतनी सारी कंपनियां मौजूद हैं कि डॉमिनो'ज़ जैसी मजबूत कंपनी को भी स्थापित होने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है… पतंजलि आयुर्वेद में शुरुआती उत्सुकता पैदा करने की क्षमता है, हालांकि क्विक सर्विस रेस्तरां के क्षेत्र में लम्बे समय तक शायद वे बेहतर नहीं कर पाएं, क्योंकि उसमें बहुत बड़े स्तर पर पूंजी निवेश की ज़रूरत पड़ती है…"
बाबा रामदेव के मुताबिक उनका उद्देश्य भारतीयों को उस भोजन से दूर करना है, जो उनकी निगाह में अस्वास्थ्यकर है. उन्हें आशा है कि पतंजलि उसी कामयाबी को यहां भी दोहरा सकती है, जो उन्होंने उपभोक्ता उत्पाद के क्षेत्र में हासिल की थी. यूरोमॉनिटर के अनुसार, देश के सौंदर्य तथा व्यक्तिगत रखरखाव उत्पादों के बाज़ार में लगभग एक दशक पहले स्थापित हुई कंपनी की भागीदारी वर्ष २०१५ में १.२ फीसदी हो चुकी थी, जबकि वर्ष २०११ तक यह सिर्फ ०.२ फीसदी थी.
बाबा रामदेव ने गुरुवार को कहा कि कंपनी का टर्नओवर २०१६-१७ में १०,५०० करोड़ रुपये रहा. कंपनी के पास ३०० अरब रुपये के उत्पाद बनाने की क्षमता है, जिसे वह अगले साल दोगुना करने का इरादा रखती है. पतंजलि आयुर्वेद का इरादा रेडीमेड कपड़ों के व्यापार में उतरने का भी है, और वह शहीद भारतीय फौजियों के बच्चों के लिए एक स्कूल भी खोलना चाहती है.