अरुण जेटली से मिलने पहुंचे पीएम मोदी, मंत्र‍िमंडल में शामिल होने को कह सकते हैं प्रधानमंत्री

नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सहयोगी अरुण जेटली से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे हैं. सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री इस मुलाकात के दौरान अरुण जेटली से उनके फैसले पर पुनर्वि‍चार के लिए कह सकते हैं. जेटली ने पीएम को पत्र लिखकर कहा है कि उन्‍हें नए मंत्र‍िमंडल में शामिल न क‍िया जाए.

2014 में बनी एनडीए सरकार में अरुण जेटली वित्‍त मंत्री थे. उन्‍होंने कुछ समय के लिए रक्षा मंत्रालय का भी प्रभार संभाला था. अब उन्‍होंने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए कहा है कि उन्‍हें सरकार में शामिल न किया जाए. अरुण जेटली ने अपने पत्र में लिखा था कि 18 महीने से मुझे गंभीर बीमारी ने घेर रखा है. हालांकि डॉक्‍टरों की सहायता से मैं काफी हद तक सेहतमंद हो गया हूं. लेकिन अभी मैं कोई जि‍म्‍मेदारी नहीं लेना चाहता हूं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को शाम 7 बजे राष्‍ट्रपत‍ि भवन में दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. इस दौरान उनके साथ 65 से 70 मंत्री भी शपथ ले सकते हैं. एनडीए में शामिल दल जैसे जेडीयू, शिवसेना, एलजेपी, अपना दल, अकाली दल के नेता भी पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं.

पीएम मोदी को लिखा था पत्र
भाजपा के नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (66) ने नयी सरकार के गठन की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को पत्र लिख कर कहा कि उन्हें कुछ समय के लिए अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने का समय दिया जाए. उन्होंने कहा है कि वे नयी सरकार में फिलहाल कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते.

वाजपेयी सरकार में बने थे मंत्री
वाजपेयी सरकार (1999) में उन्हें मंत्री बनाया गया. इस दौरान उन्होंने समय समय पर विधि, सूचना प्रसारण, विनिवेश, जहाजरानी और वाणिज्य एवं विभाग की जिम्मेदारी दी गयी. वर्ष 2006 में वह राज्य सभा में विपक्ष के नेता बने। इस दौरान उन्होंने मुद्दों पर अपनी स्पष्ट दृष्टि, चपल सोच और गहरी स्मृति के चलते कांग्रेस के नेताओं का भी सम्मान अर्जित किया.

वर्ष 2014 में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद मोदी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में वित्त, कंपनी मामलात का कार्यभार दिया. उन्हें बीच में रक्षा और सूचना प्रसार मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार भी दिया गया. लेकिन स्वास्थ्य की खराबी और पिछले साल गुर्दा प्रतिरोपण के कारण उन्हें 3 माह अवकाश लेना पड़ा था. वह इलाज के लिए अमेरिका गए थे इस कारण वह फरवरी 2019 में पहली मोदी सरकार का छठा और आखिरी बजट पेश नहीं कर सके थे.
 

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