अहमदाबाद में युवकों की अपेक्षा युवतियां 20% अधिक धूम्रपान करती हैं

शुक्रवार 31 मई को धूम्रपान निषेध दिवस है, पर अभी भी पूरे विश्व में तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में इजाफा हो रहा है। गुजरात में 3.70 करोड़ लोग तंबाकू के व्यसनी हैं। इसमें 51.4 प्रतिशत पुरुष और 7.4 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। राज्य में तंबाकू का सेवन करने वाले हर साल 18 हजार लोगों की मौत होती है। शहर में धूम्रपान करने वालों में युवतियों की संख्या युवकों की अपेक्षा अधिक है।

हॉस्टल-पीजी में रहने वाली युवतियों सिगरेट की एडिक्टेड
वर्ष 1987 से विश्वभर में जानलेवा तंबाकू के संबंध में जनजागृति लाने के लिए कई प्रयास किए गए। पर उसमें सफलता नहीं मिली। शहर में कभी-कभी तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान बताने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके बाद भी इसका उपयोग करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। कई युवक उनके फेवरेट एक्टर सिगरेट पीते हैं, इसलिए वे भी यह नशा करते हैं। दूसरी तरफ हॉस्टल या पीजी में रहने वाली युवतियां भी एडवेंचर और लाइफ में एक बार सब कुछ कर लेना चाहिए की धारणा पालते हुए सिगरेट पीना शुय करती हैं। धीरे-धीरे वे इसकी एडिक्ट बन जाती हैं।

50% लोग दिन में 10 से अधिक सिगरेट पीते हैं
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों में भी धूम्रपान की लत लगी हुई है। तंबाकू ने बच्चों ही नहीं, बल्कि पुरुषों और महिलाओं को भी अपना शिकार बनाया है। गुजरात में 12 से 15 साल के बच्चों में धूूम्रपान का प्रमाण 20 प्रतिशत बढ़ा है। हर साल 18 प्रतिशत बच्चे तंबाकू के व्यसनी हो रहे हैं। राज्य में 51.4 प्रतिशत पुरुषों और 5.2 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू की व्यसनी हैं। इसमें 56.2 प्रतिशत ग्रामीण और 46 प्रतिशत शहरी पुरुष, 9.1 प्रतिशत ग्रामीण और 5.2 प्रतिशत शहरी महिलाओं का समावेश होता है। इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक लोग 24 घंटे में 10 से अधिक बीड़ी-सिगरेट का सेवन करते हैं। 40 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जो एक दिन में पान-मसाला के 10 पाऊच खा जाते हैं।

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