राजस्थान सरकार की नई योजना: एक लाख रुपये तक के कर्ज पर नहीं लगेगा ब्याज, पशुपालकों और किसानों को मिलेगा लाभ

अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना के प्रति आभार व्यक्त किया है। इस योजना को उन्होंने राज्य के पशुपालकों और किसानों के आर्थिक उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। चौधरी ने कहा कि इस योजना से न केवल पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि सहकारिता आंदोलन को भी मजबूती मिलेगी। योजना के तहत एक लाख रुपये तक का अल्पकालीन ऋण एक वर्ष के लिए दिया जाएगा, और समय पर ऋण चुकाने पर ब्याज की छूट भी मिलेगी। 

इस ऋण का उपयोग पशुपालक पशुओं की खरीद, पशु शेड निर्माण, और अन्य संबंधित गतिविधियों में कर सकेंगे। योजना के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में गाय-भैंस पालकों को यह ऋण मिलेगा, बशर्ते वे पहले से दो से अधिक ऋणों के बोझ तले न हों। इस योजना का लाभ उठाने के लिए, दुग्ध उत्पादकों को अपनी दुग्ध आपूर्ति संबंधित डेयरी सहकारी समिति को करनी होगी। 

चौधरी ने इस योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता पर जोर देते हुए कहा कि ऋण आवेदन और स्वीकृति की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा। गोपालक किसान अपने ई-मित्रा केंद्र या संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समिति के माध्यम से ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का सदस्य होना अनिवार्य है। चौधरी ने उम्मीद जताई कि इस योजना से राज्य में दुग्ध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे राजस्थान भारत का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक राज्य बन सकता है।

इस योजना के लाभों को गिनाते हुए, चौधरी ने कहा कि इससे पशुपालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और सहकारी समितियों की भूमिका भी सुदृढ़ होगी। योजना के तहत दुग्ध संग्रहण में वृद्धि से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और पशुओं की नस्ल में सुधार होगा। 

चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री दुग्ध सम्बल योजना के तहत सरकार ने फरवरी से जून 2024 तक के बकाया 200 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है। इस राशि में से अजमेर जिले के पशुपालकों को 20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उपलब्ध होगी, जिसका भुगतान अगले माह में किया जाएगा। 

अजमेर डेयरी की भावी योजनाओं पर चर्चा करते हुए चौधरी ने बताया कि डेयरी का दुग्ध संकलन 5 लाख लीटर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसमें से 3 लाख लीटर का विपणन सीधे किया जाएगा, जबकि 2 लाख लीटर का उपयोग दुग्ध उत्पादों के निर्माण में होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस वित्तीय वर्ष में अजमेर डेयरी को कर्जमुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है। डेयरी में नई तकनीक का उपयोग करते हुए, जर्मनी से बटर चिपलेट पैकिंग मशीन और सोलर एवं चीज प्लांट की स्थापना भी की जाएगी।

अजमेर डेयरी के प्रबंधक संचालक के.सी. मीणा ने डेयरी की गुणवत्ता पर जोर देते हुए कहा कि डेयरी के उत्पाद 13 देशों की मशीनरी द्वारा 25 विभिन्न मानकों पर खरे उतरने के बाद ही बाजार में बेचे जाते हैं। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाता और असंतोषजनक उत्पादों को नष्ट कर दिया जाता है। मिलावट रोकने के लिए ग्राम स्तर तक मशीनें स्थापित की गई हैं, जो गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित करती हैं।
 

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