महाराणा प्रताप के वंशज महेंद्र सिंह मेवाड़ का 83 वर्ष की उम्र में निधन
उदयपुर। महाराणा प्रताप के वंशज मेवाड़ की शाही धरोहर को संजोने वाले महेंद्र सिंह मेवाड़ का रविवार को 83 साल की उम्र में निधन हो गया। महेंद्र सिंह मेवाड़ पिछले कई दिनों से उदयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन से पूरे राजस्थान में शोक की लहर दौड़ गई है। महेंद्र सिंह मेवाड़ ने राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे मेवाड़ राजवंश के एक प्रमुख सदस्य थे। महेंद्र सिंह मेवाड़ का जीवन एक गहरी धरोहर और इतिहास से जुड़ा हुआ था। वे मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के 76वें सदस्य थे और उदयपुर के महाराणा भगवत सिंह के बड़े बेटे थे। महेंद्र सिंह ने 1989 में बीजेपी के टिकट पर चित्तौड़गढ़ से लोकसभा चुनाव जीते, लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। 1996 में कांग्रेस ने उन्हें भीलवाड़ा से उम्मीदवार बनाया, लेकिन यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। महेंद्र सिंह का जीवन न केवल राजनीतिक था, बल्कि वे एक शाही परिवार से ताल्लुक रखते हुए मेवाड़ के गौरव और परंपराओं को गर्व से आगे बढ़ाते रहे। महेंद्र सिंह मेवाड़ महाराणा प्रताप के वंशज थे। महेंद्र सिंह और उनके छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ दोनों ही उस उदयपुर के महलों में रहते थे, जहां महाराणा प्रताप ने अपना जीवन बिताया था। महेंद्र सिंह और उनके भाई दोनों मेवाड़ के 76वें संरक्षक होने का दावा करते थे। महेंद्र सिंह के बेटे, विश्वराज सिंह मेवाड़ भी महाराणा प्रताप के वंशज माने जाते हैं, जो नाथद्वारा से विधायक हैं। राणा प्रताप के दादा, राणा सांगा का योगदान भी मेवाड़ के इतिहास में अनमोल है। महेंद्र सिंह की बहू, महिमा कुमारी, जो राजसमंद से सांसद हैं, भी इस वंश की एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं। महेंद्र सिंह के निधन पर राजनेताओं ने अपनी श्रद्धांजलि दी है।