वोडाफोन आइडिया की बढ़ रही चुनौती, शेयरों में 62 फीसदी की गिरावट 

नई  दिल्ली । दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एजीआर बकाये के भुगतान के साथ-साथ ग्राहकों की संख्या में गिरावट कंपनी के लिए बड़ी चुनौती है। इसका असर वोडाफोन आइडिया के शेयरों पर पड़ रहा है। वोडाफोन आइडिया का शेयर अपने 52 हफ्ते के हाई से करीब 62 फीसदी गिरावट पर कारोबार कर रहा है। कंपनी के दूसरी तिमाही के नतीजे मोटे तौर पर उम्मीद के मुताबिक रहे हैं। दूसरी तिमाही परफॉर्मेंस के बाद ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज और नुवामा ने इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी जारी की है। सोमवार को शेयर में हल्की तेजी रही। हालांकि, बिकवाली के दबाव में शेयर 1.5 फीसदी से ज्यादा गिरकर 52 हफ्ते के नए रिकॉर्ड लो पर आ गया। ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज ने वोडाफोन आइडिया पर होल्ड की रेटिंग बरकरार रखी है। टारगेट प्राइस 11 रुपये से घटाकर 7 रुपये प्रति शेयर किया है। यह टेलीकॉम स्टॉक अपने 52 हफ्ते 19.15 रुपये के हाई से करीब 62 फीसदी टूट चुका है। ब्रोकरेज का कहना है कि दूसरी तिमाही में वोडाफोन आइडिया का कस्टमर एआरपीयू (एवरेज रेवेन्यू पर यूजर) 7.8 फीसदी, भारती एयरटेल- 10.6 फीसदी, रिलायंस जियो- 7.4 फीसदी बढ़ा है। यह अनुमान के मुताबिक रहा। हालांकि, वोडाफोन आइडिया के सब्सक्राइबर्स की संख्या में तेज गिरावट आई है। खासकर, सबसे बड़े 4जी नेटवर्क एक्सपेंशन के बावजूद डाटा सब्सक्राइबर्स की संख्या 20 लाख घटी है। वीआईएल को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 के अंत से कस्टमर बेस बढ़ाकर इस ट्रेंट को उलट देगा। कंपनी बैंक गारंटी पर छूट और एजीआर मामले में हस्तक्षेप के लिए सरकार के साथ बातचीत कर रही है। वोडाफोन डेट फंडिंग के लिए भी तैयार है। उसे उम्मीद है कि सरकारी बकाये को इक्विटी में बदला जागा। 

नुवामा ने वोडाफोन आइडिया पर होल्ड की सलाह दी
ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने वोडाफोन आइडिया पर होल्ड की सलाह दी है। टारगेट 11.3 रुपये से घटाकर 7 रुपये प्रति शेयर किया है। ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी की दूसरी तिमाही नरम रही। हालांकि, यह अनुमान के मुताबिक रही। टैरिफ बढ़ने से रेवैन्यू में 4 फीसदी का इजाफा हुआ है। एआरपीयू 6.8 फीसदी बढ़ा है। ब्रोकरेज का कहना है कि, कैपिटल इन्फ्यूजर और टैरिफ हाइक ने वोडाफोन आइडिया के रिवाइवल की उम्मीदें जगाई हैं, लेकिन एजीआर बकाया पर क्यूरेटिव याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने से वीआईएल को बड़ा झटका लगा है।  

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