पर्यटन विकास निगम की होटल के मेन्यू में शामिल होंगे स्थानीय व्यंजन
भोपाल। मध्यप्रदेश पर्यटन राज्य विकास निगम की प्रदेशभर की होटल और रिसॉर्ट में अब वहां के स्थानीय व्यंजनों को मेन्यू में खासतौर पर शामिल किया जाएगा। बीते दिनों भोपाल में पर्यटन मंत्री ने बैठक में इसे लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। अब तमाम होटल और रिसॉर्ट के मेन्यू बदले जाएंगे। हालांकि, कुछ विशेष मौकों पर सभी स्थानों पर विभाग स्थानीय व्यंजनों को पर्यटकों को परोसता ही है। इंदौर रीजन में विभाग के पास फिलहाल 13 होटल और रिसॉर्ट है, जहां के मेन्यू में वहां के स्थानीय व्यंजनों को शामिल किया जा रहा है। उज्जैन की तीन होटल में दाल-बाफले, दाल-बाटी, बैंगन का भर्ता और चूरमा शामिल करने की बात कही जा रही है, वहीं झाबुआ के होटल में पर्यटकों को दाल, पानिए और गट्टे की सब्जी परोसी जाएगी। चोरल और हनुवंतिया में दाल-बाफले और दाल-बाटी शामिल की जा रही है। गांधीसागर और मंदसौर में दाल-बाफले, गट्टे की सब्जी, महेश्वर में अमारी (अम्बाड़ी) की भाजी, ओंकारेश्वर एवं सैलानी में दाल-बाटी और बुरहानपुर में पूरनपोली, ज्वार की रोटी और गेहूं के चिप्स मेन्यू में शामिल किए जाने की बात चल रही है। इंदौर रीजन के चलते सभी जगह नाश्ते में इंदौरी पोहा-जलेबी को विशेष रूप से शामिल किया जाएगा।
विशेष मौकों पर रही है परंपरा
भले ही यहां के स्थानीय व्यंजनों को मेन्यू में खासतौर पर शामिल नहीं किया गया है, लेकिन विशेष मौकों पर और मेहमानों की मांग पर ये सभी व्यंजन उपलब्ध कराए जाते हैं। इंदौर रीजन में भी त्योहारों पर मेन्यू में इन सबको शामिल किया जाता है और स्थानीय नृत्य, संगीत से भी परिचित कराया जाता है। इंदौर रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि अब मेन्यू में इन्हें शामिल करने की तैयारी चल रही है। जल्द ही ये लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा इन होटल और रिसॉर्ट में आने वाले मेहमानों से मिलने वाले फीडबैक और शिकायतों पर भी काम कर लगातार सुधार किया जाता है।