जलशक्ति मंत्रालय में फंसा दोधन डैम का टेंडर

भोपाल । भारत के पहले नदी जोड़ो प्रोजेक्ट केन-बेतवा लिंक के लिए केन नदी पर प्रस्तावित दौधन डेम का टेंडर पिछले छह माह से जलशक्ति मंत्रालय में फंसा हुआ है। केन-बेतवा लिंक परियोजना के पहले चरण में दोधन डैम का निर्माण किया जाएगा और इसकी मंजूरी के लिए 4 हजार करोड़ का टेंडर केंद्र सरकार को 6 माह पहले भेजा गया है, जिसके अभी तक जलशक्ति मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिली है। सूत्र बताते है कि जलशक्ति मंत्रालय के अधीन दो कंपनियां कार्यरत हैं। एक टेंडर जारी करेगी, तो दूसरे इस परियोजना का सर्वे कराएगी और डीपीआर को स्वीकृति देगी, लेकिन केंद्र की इन दोनों की कंपनियों में टेंडर जारी करने को लेकर विवाद चल रहा है, जिसके कारण 4 हजार करोड़ का टेंडर अभी तक जारी नहीं हो सका। इस परियोजना को 2029 तक निर्मित किया जाना है।गौरतलब है कि केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर मप्र और उत्तर प्रदेश के बीच वर्ष 2005 में अनुबंध हुआ था। उसके बाद प्रक्रिया धीमी पड़ गई थी। तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों राज्यों के बीच वर्ष 2021 में समझौता हुआ। 44 हजार 605 करोड़ रुपए की इस परियोजना को पूरा करने में छह वर्ष का समय लगना अनुमानित है। इस परियोजना में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत राशि देगी। दोनों राज्य सरकारों को कुल लागत की पांच-पांच प्रतिशत राशि देनी होगी। परियोजना पूरी होने के बाद मप्र और उत्तर प्रदेश में साढ़े आठ लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई क्षमता का विकास होगा तो लाखों लोगों को पेयजल की सुविधा मिलेगी। केन-बेसिन से उप्र के 2.27 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी, केन-बेसिन से मप्र में 4.47 लाख हेक्टेयर पर सिंचाई होगी, जबकि बेतवा बेसिन से मप्र में सिंचाई का क्षेत्रफल 2.06 लाख हेक्टेयर होगा। बिजली मध्य प्रदेश के हिस्से में आएगी।

 नहीं शुरू हो सके महत्वपूर्ण कार्य
केंद्र तथा मप्र सरकार की महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना के टेंडर अभी तक नहीं हो सके हैं। जबकि दोधन डैम का निर्माण करने के लिए 4 हजार करोड़ का टेंडर जारी होने की प्रत्याशा में जलशक्ति मंत्रालय में छह महीने से पेंडिंग पड़ा हुआ है, जिसके कारण बांध सहित अन्य कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं कराए जा सके हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना से मप्र की करीब 2.41 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए सिंचाई प्रस्तावित है। वहीं, यूपी में इससे 1.50 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। करीब 8 लाख लोगों को पेयजल के लिए पानी भी मुहैया कराया जाएगा। यूपी के बुंदेलखंड सहित दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ आदि जिलों में 21 किमी में लिंक चैनल का निर्माण किया जाना है। यानि 241 किमी में नहरें निर्मित कराई जाएगी। करीब 6 हजार एकड़ भूमि का उपयोग डैम सहित नहरों के निर्माण और जल भराव क्षेत्र में होगा। इसके लिए 271 हेक्टेयर निजी भूमि भी अधिग्रहित की जानी है, लेकिन जिला प्रशासन अभी तक भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू नहीं करा सका। प्रभावित परिवारों की भूमि अधिग्रहण किए जाने के एवज में 1150 करोड़ की मुआवजा राशि बांटी जाना है। साथ ही 41 छोटे- बडे जलाशयों में पानी भरने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए भी अभी तक टेंडर जारी नहीं किए गए है। उधर, 22 गांव इस परियोजना में आ रहे है, जिनका विस्थापन किया जाना है।

 भू अधिग्रहण की प्रक्रिया अधर में
वहीं केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के तहत केन नदी पर बनने वाले ढोढऩ बांध और बांध से बेतवा नदी तक लिंक नहर का निर्माण केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट अथॉरिटी (केबीएलपीए) को करना है। बांध निर्माण के लिए तो भू अधिग्रहण की कार्रवाई को पूरा कर लिया गया है, लेकिन 218 किमी लंबी नहर के लिए भू अधिग्रहण की प्रक्रिया अधर में अटक है । भू-अधिग्रहण नहीं होने के कारण नहर निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पा रही है। लिंक नहर का निर्माण केन नदी पर ढोढऩ बांध से बेतवा नदी पर बरुआ सागर के पास किया जाना है। लिंक कैनाल (नहर) छतरपुर टीकमगढ़, निवाड़ी और उप्र के झांसी जिलों की सीमा से होकर गुजरेगी। इसमें सबसे लंबा हिस्सा छतरपुर जिले में बनाया जाना है। छतरपुर जिले में लिंक कैनाल 49 गांवों से होकर गुजरेगी। इसके लिए 165 हेक्टेयर निजी जमीन और 1134 हेक्टेयर शासकीय भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। भू अधिग्रहण अधिनियम के तहत जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। नहर निर्माण में उपयोग होने वाली जमीन के लिए छतरपुर जिला प्रशासन ने धारा 11 ए के तहत अधिसूचना जारी कर दी गई है। धारा 11 ए का प्रकाशन मार्च 2024 में कर दिया गया है। अब अगले चरण में धारा 19 के तहत भूस्वामियों के नाम के साथ सूचियों का प्रकाशन किया जाना है। मुख्य नहर के निर्माण के लिए केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट अथॉरिटी ने झांसी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी कार्यालय की स्थापना की है। इसी कार्यालय को सूचियां तैयार करके जल संसाधन विभाग मप्र शासन के माध्यम से अपडेट सूचियां राजस्व विभाग छतरपुर को उपलब्ध कराना है, लेकिन सूचियों में लगातार देरी के कारण धारा 19 का प्रकाशन नहीं हो पा रहा है। इस कारण से मुख्य नहर के निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पा रही है। छतरपुर जिले में लिंक कैनाल से 3.50 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई का लक्ष्य है। कार्यपालन यंत्री केन बेतवा प्रोजेक्ट मप्र शासन निर्मल चंद जैन ने बताया लिंक नहर से छतरपुर जिले में 5 पंप हाउस स्थापित किए जाएंगे। इन पंप हाउस से सिंचाई के लिए नहरों का जाल बिछाया जाएगा। इन पंप हाउस से जिले के राजनगर, छतरपुर, नौगांव, बिजावर, बड़ामलहरा विकासखंड में सिंचाई होगी। उन्होंने बताया इसका सर्वे कराने के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। सर्वे करके 3.50 लाख हेक्टेयर में सिंचाई का डीपीआर तैयार किया जाएगा।

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