सिर्फ 1 रुपए में कुलभूषण जाधव की पैरवी कर रहे हैं हरीश साल्वे
दि हेग। पाकिस्तान में भारतीय कुलभूषण जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा को लेकर भारत और पाकिस्तान हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आई. सी.जे.) में आमने-सामने हुए। सुनवाई के दौरान आई.सी.जे. ने पाकिस्तान को करारा झटका दिया। आई.सी.जे. ने पाकिस्तान की ओर से पेश किए गए जाधव के कबूलनामे का फर्जी वीडियो देखने से इंकार कर दिया। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी रद्द करने का अनुरोध किया।
साल्वे ने एक रुपए फीस ली: सुषमा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज ट्वीट कर कहा कि आई.सी.जे. में कुलभूषण जाधव मामले में भारतीय पक्ष की पैरवी कर रहे जाने-माने अधिवक्ता हरीश साल्वे ने महज एक रुपए की फीस ली है। उनका ट्वीट संजीव गोयल नामक एक व्यक्ति के ट्वीट के जवाब में आया है। गोयल ने सवाल किया था कि क्या भारत साल्वे से कम फीस लेने वाला कोई अच्छा वकील नहीं कर सकता था।
भारत और पाक प्रत्यक्ष संवाद करें: अमरीका
अमरीका ने भारत और पाकिस्तान से कहा कि वे तनाव कम करने के लिए सीधी बातचीत करें। अमरीकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, च्च्हमारा मानना है कि भारत और पाकिस्तान को व्यावहारिक सहयोग से लाभ हो सकता है।ज्ज् जाधव के मामले में अमरीकी रुख के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, च्च्हम भारत और पाकिस्तान को प्रत्यक्ष बातचीत के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि तनाव कम किया जा सके।ज्ज्
जाधव के परिजनों का वीजा अभी भी लंबित
भारत का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत में कहा कि जाधव के परिवारवालों की तरफ से वीजा आवेदन अभी भी लंबित है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से जाधव के ट्रायल को लेकर कोई दस्तावेज भारत को नहीं दिया गया। जाधव को ईरान से अगवा किया गया और जबरदस्ती बयान लिया गया।
मामले में भारत की दलीलों को सुनने के बाद आई.सी.जे. ने पाकिस्तान का पक्ष सुना। कुलभूषण के पासपोर्ट पर छपे मुस्लिम नाम का जिक्र करते हुए पाकिस्तान ने कहा कि इस विषय पर भारत सफाई देने में असमर्थ रहा है। पाक ने यह भी दलील दी है कि जाधव मामले में विएना संधि लागू नहीं होती है। राष्ट्रीय सुरक्षा पर आई.सी.जे. फैसला नहीं ले सकती। पाक ने कहा कि जाधव ने अपना जुर्म कबूल किया है और इस मामले में भारत की अर्जी खारिज होनी चाहिए। पाकिस्तान ने न्यायालय से कहा कि जाधव को फांसी देने की कोई जल्दी नहीं है।
जाधव के पास अपील करने के लिए १५० दिन हैं। इस मामले में ११ जजों की बैंच ने सुनवाई की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने कहा कि वह अस्थायी उपाय के लिए भारत के अनुरोध पर यथाशीघ्र अपना आदेश जारी करेगा। न्यायालय ने कहा, च्च्सार्वजनिक बैठक में जिस तारीख को आदेश जारी किया जाएगा, उसके बारे में दोनों पक्षों को सूचना दे दी जाएगी।ज्