शनि जयंति: ढाई साल तक शनिदेव के वार से बचने के लिए करें ये उपाय
ज्योतिष के पंचांग खंड अनुसार, शनि जयंती के दिन शनिदेव अपनी वक्र चाल से केतू के नक्षत्र मूल से गुज़र रहे हैं। इसी साल 2017 में शनिदेव दिनांक 26.01.17 गुरु की राशि धनु में प्रवेश कर गए थे। इसी के साथ शनिदेव धनु राशि में 06.04.17 को वक्री हो गए थे तथा आगामी 20.06.17 को अपनी वक्र चाल से पुनः वृश्चिक राशि में आ जाएंगे तथा इसी साल दिनांक 25.08.17 को पुनः मार्गी होकर दिनांक 26.10.17 धनु राशि में आएंगे। इसके बाद सीधा शनिदेव शुक्रवार दिनांक 24.01.2020 को अर्थात लगभग ढाई वर्ष उपरांत धनु राशि को छोड़कर अपनी राशि मकर में दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर प्रवेश करेंगे। ऐसे में शनि जयंती के उपलक्ष पर जानिए ढाई साल तक शनिदेव के वार से बचने के लिए आपको क्या उपाय करने हैं।
मेष उपाय: शनि मंदिर में 9 शनिवार 9 लौंग चढ़ाएं।
वृष उपाय: शनिदेव पर 8 शनिवार 8 नीले फूल चढ़ाएं।
मिथुन उपाय: 7 शनिवार शनि मंदिर में 7 नारियल चढ़ाएं।
कर्क उपाय: 6 शनिवार काली हांडी में तेल भरकर किसी वीरान स्थान में दबाएं।
सिंह उपाय: 5 शनिवार किसी गरीब सुहागन स्त्री को स्टील का बर्तन भेंट करें।
कन्या उपाय: 4 शनिवार गरीब बच्चों में इच्छानुसार बादाम बांटें।
तुला उपाय: 3 शनिवार काली गाय को उड़द की कचौड़ी खिलाएं।
वृश्चिक उपाय: 2 शनिवार शनि मंदिर में बरगद के पत्तों की माला चढ़ाएं।
धनु उपाय: हर शनिवार 1 लौंग सिर से वारकर जला दें।
मकर उपाय: 12 शनिवार 12 पीपल के पत्ते शनि मंदिर में चढ़ाएं।
कुम्भ उपाय: 11 बड़ी काली इलायची काले कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें।
मीन उपाय: 10 शनिवार किसी मेहनतकश मजदूर को काले जूते भेंट करें।