सहारनपुर हिंसा: तनाव के बीच हटाए गए एसएसपी सुभाष चंद दुबे और डीएम एनपी सिंह
सहारनपुर में जातीय हिंसा के बाद पुलिस और प्रशासन गंभीर दिखाई दे रहा है. सीएम के निर्देश के बाद गृह सचिव मणिप्रसाद मिश्रा, एडीजी (कानून-व्यवस्था) आदित्य मिश्रा, आईजी (एसटीएफ) अमिताभ यश, डीआईजी विजय भूषण सहित आलाधिकारी सहारनपुर में डेरा जमाए हुए हैं. वहीं, राज्य सरकार ने मृतक के परिजनों को 15 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है. इस दौरान हिंसा को रोकने में नाकाम जिले के एसएसपी सुभाष चंद दुबे और डीएम एनपी सिंह को हटा दिया गया है.
एक और युवक को गोली मारी
सहारनपुर में स्थिति संभालने की प्रशासन की कोशिशों के बीच बुधवार को सहारनपुर के जनता रोड इलाके में एक और युवक को गोली मारने की घटना सामने आई है. हालांकि, अभी इस मामले में कारण सामने नहीं आ पाया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि इसका संबंध सहारनपुर हिंसा से है या नहीं.
इससे पहले लखनऊ से चलकर मंगलवार की देर रात सहारनपुर पहुंचे गृह सचिव, एडीजी कानून-व्यवस्था, आईजी और डीआईजी ने एसएसपी सहित स्थानीय अफसरों के साथ पुलिस लाइन सभागार में समीक्षा बैठक की. सभी अधिकारियों ने जिला अस्पताल पहुंच कर घायलों का हाल जाना. गाजियाबाद, मेरठ, अलीगढ़, आगरा से पीएसी के 5 कमांडेंट्स को शहर पहुंच रहे हैं. हालिया, हिंसा के बाद माहौल तनावपूर्ण है.
एसएसपी ने बताया कि इस मामले में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. करीब 10 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. एक शख्स की मौत के संबंध में तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस वारदात में 15 लोग घायल हैं. सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गौरतलब है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती के दौरे के बाद हिंसा भड़क गई.
इस बीच, यूपी सरकार ने गृहमंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में बताया है कि 23 मई को मायावती की रैली से लौट रहे लोगों पर ठाकुर समुदाय के लोगों ने हमला किया था. इसमें 1 एक दलित युवक की मौत हो गई, जबकि 15 लोग घायल हो गए हैं. एक दलित बेहोशी की हालत में शब्बीरपुर गांव के पास पाया गया. उसके सिर पर गंभीर चोट लगी हुई है. सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गुस्साए दलितों ने भी पत्थरबाजी की है.
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा पर दुख जताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है. उन्होंने हिंसा की जांच वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी है. उन्होंने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है. विपक्षी दलों से शांति बहाली में सहयोग की अपील की है. कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ताजा हिंसा के लिए मायावती के दौरे को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
फिर सुलगा सहारनपुर
बीएसपी सुप्रीमो मायावती के मंगलवार के दौरे के बाद सहारनपुर में एक महीने के भीतर तीसरी बार हिंसा भड़क उठी. गांव में मायावती की रैली से लौट रहे लोगों पर हमला हुआ. गोली लगने से एक युवक ने दम तोड़ दिया, जबकि करीब 1 दर्जन घायल लोगों को सहारनपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. मायावती ने कहा कि योगी सरकार में दलित पीड़ितों की सुनवाई नहीं हो रही है. समाज का कमजोर तबका नाराज है.
क्या है पूरा मामला?
सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप शोभायात्रा के दौरान हुए एक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था. इसके बाद विशेष जाति पर दलितों के साथ अत्याचार करने और उनके घर जलाने का मामला सामने आया था. इस मामले में भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इसके बाद बीते रविवार को भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचकर प्रदर्शन किया था.
हटाए गए एसएसपी और डीएम
एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे सहारनपुर संभाल नहीं पा रहे थे. वे जातीय हिंसा को काबू नहीं कर पाए. हालात बेकाबू होते देख योगी सरकार ने सुभाष चंद्र दुबे को हटाने का फैसला कर लिया. उनके स्थान पर एसएसपी मुज़फ्फरनगर बबलू कुमार को सहारनपुर में कैम्प करने के लिए कहा गया. आसपास के जिलों से बुलाई गई पीआरवी वैन का इंचार्ज भी बबलू कुमार को बनाया गया है. सहारनपुर में नए एसएसपी की तैनाती तक बबलू कुमार ही सहारनपुर की ज़िम्मेदारी संभालेंगे. हालांकि उन्हें औपचारिक चार्ज नहीं दिया गया है. इसके साथ ही सहारनपुर के जिलाधिकारी एनपी सिंह को भी हटा दिया गया है. अभी उनके स्थान पर किसी दूसरे अधिकारी का नाम सामने नहीं आया है.