आडवाणी की रथयात्रा के रुट पर बम लगाने वाले फरार दो आतंकी गिरफ्तार

कोयंबटूर। कोयंबटूर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने दो फरार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आतंकवादी करीब तीन दशकों से तमिलनाडु पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल थे और देश के दक्षिणी हिस्से में कई बम धमाकों में शामिल थे। पुलिस ने गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर दोनों को आंध्र प्रदेश के अन्नमय्या जिले से गिरफ्तार किया है।
कोयंबटूर पुलिस को सूचना मिली थी कि नागोर निवासी अबुबकर सिद्दीक और मेलापलायम निवासी मोहम्मद अली बेंगलुरु में छिपे हैं। इसके बाद उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी गई और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए उनकी लोकेशन ट्रेस की गई। पुलिस टीम ने आंध्र प्रदेश के अन्नमय्या जिले में छापा मारकर दोनों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें चेन्नई लाया गया, जहां उन्हें तमिलनाडु की क्यू ब्रांच, राज्य की एंटी-टेररिज्म स्क्वाड के हवाले कर दिया है।
दोनों आतंकियों पर कई बड़ी आतंकी घटनाओं में शामिल होने के आरोप हैं। इनमें शामिल हैं 2011 में मदुरै के थिरुमंगलम में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा को निशाना बनाने के लिए पाइप बम लगाना। 1995 में चेन्नई के हिंदू मुनानी कार्यालय में बम विस्फोट करना। नागोर में बीजेपी नेता थंगम मुथुकृष्णन के घर पर पार्सल बम भेजकर हमला किया था। चेन्नई पुलिस कमिश्नर कार्यालय और कोयंबटूर पुलिस क्वार्टर्स में बम विस्फोट की साजिश रची थी। 2013 में बेंगलुरु के बीजेपी कार्यालय में बम विस्फोट किया था।
जानकारी के मुताबिक इन दोनों के आतंकी नेटवर्क के कई पुराने और वर्तमान सहयोगियों की जानकारी मिल सकती है। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या पिछले कुछ वर्षों में इन्होंने नए मॉड्यूल तैयार किए या अन्य राज्यों में भी नेटवर्क फैलाया। सूत्रों का मानना है कि इनकी गिरफ्तारी से तमिलनाडु और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों में हुई आतंकवादी गतिविधियों के कई मामलों में बड़ी जानकारी मिल सकती है। 

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