कोर्ट ने OBC आरक्षण को दी मंजूरी, अब भाजपा को घेर रहे कांग्रेस
भोपाल। मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण देने के मामले में कोट की टिप्पणी के बाद प्रदेश में सियासत गरमाई गई है। मामले को लेकर प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जीतू पटवारी ने कहा कि जुलाई के आखिरी में राहुल गांधी एमपी आएंगे। वे बुंदेलखंड का दौरा और ओबीसी के लोगों से संवाद करेंगे।
कमलनाथ ने लागू किया था 27% आरक्षण
जीतू पटवारी ने कहा कि ओबीसी को 2019 में कमलनाथ ने आरक्षण 27% लागू किया था। बीजेपी ने सरकार की चोरी की, ओबीसी के भविष्य की चोरी की, बीजेपी सरकार ने प्रयास किया कैसे आरक्षण रुके, स्टे लगाकर बीजेपी ओबीसी के साथ धोखा कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून बन गया है तो लागू क्यों नहीं किया गया। 4 जुलाई को कोर्ट ने पूछा तो वकीलों ने कहा हम 27% आरक्षण के विरोध में है। आपके कंधे में बैठकर ओबीसी का गला घोट रहे है। अपनी अंतिम बूंद तक कांग्रेस ओबीसी के लिए लड़ेगी।
ओबीसी के छात्र खेतों में काम कर रहे
प्रेस वार्ता में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा प्रदेश के अंदर ओबीसी के लिए शिवराज सिंह आरक्षण की लड़ाई नहीं लड़ पाए। मोहन यादव पीएम को पिछड़े वर्ग का बताते है। पिछड़ों को पिछड़ा कर रहे हैं। ओबीसी छात्र मेहनत करते लेकिन उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है। SC ने कहा था 50% से ज्यादा नहीं होगा। तुषार मेहता सरकार की बात कर रहे, ये सरकार का मत था। सरकार को तत्काल इस पर निर्णय लेना चाहिए। रिजल्ट होल्ड हो गए। ओबीसी के छात्र खेतों में काम कर रहे हैं। ये भविष्य सरकार ने ओबीसी का तय किया है।
जनगणना के अनुसार आरक्षण का प्रतिशत
सिंघार ने कहा कि राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की बात की है। जनगणना के अनुसार आरक्षण का प्रतिशत तय हो जाएगा। तेलंगाना में ओबीसी आरक्षण 42% बढ़ाने का रखा गया है। घर घर सर्वे में 57% से ज्यादा निकले। केंद्र की सरकार ओबीसी वर्ग के आरक्षण को रोककर रखना चाह रही है। मंडल कमीशन ने 27% आरक्षण की कई राज्यों में बात की थी। बीजेपी भाषण देने वाली पार्टी है। ये नीति लागू करने वाली पार्टी नहीं है। सीएम हमेशा कोर्ट के पाले में डाल देते हैं। बीजेपी को बहुमत मिला है, पिछड़ों के लिए निर्णय लें।
कांग्रेस की मांगें
1- 27% ओबीसी आरक्षण को बिना एक पल की देरी के तत्काल लाग किया जाए, जैसा कि कांग्रेस ने सुनिश्चित किया था।
2- 87-13 फॉर्मूले के तहत रुकी हुई भर्तियों में चयनित ओबीसी अभ्यर्थियों की नियुक्तियां तुरंत बहाल की जाएं!
3- ओबीसी समाज को राजनीतिक शिकार, वोट बैंक की भेंट और गुलामी की जंजीरों में जकड़ना बंद किया जाए-यह उनका हक है, न कि बीजेपी की जागीर !