19.42 लाख किसानों का 7 हजार 810 करोड़ का कर्जा माफ हुआ: आंजना
जयपुर । किसानों के फसली ऋण माफी के बारे में बताते हुए राजस्थान सरकार ने कहा कि सरकार ने राज्य के 19.42 लाख किसानों का 7 हजार 810 करोड़ रूपये का ऋण माफ कर प्रमाण पत्र जारी कर दिये है। उन्होंने यह भी कहा कि इसकी सूची कर्ज माफी पोर्टल पर उपलब्ध है। विधानसभा में शुक्रवार को किसानों के ऋण माफी पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने बताया यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जुलाई के दूसरे सप्ताह में सहकारी बैंकों के किसानों को फसली ऋण का वितरण शुरु कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की गलत नीतियों की वजह से किसानो की दशा खराब होने लगी, जिसके कारण किसानों की पीड़ा को जन घोषणा पत्र में जारी किया गया।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों के सीमान्त एवं लघु किसानों को 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में अवधि पार खातों के 2 लाख रूपये तक के मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन कृषि ऋण माफ किये गये है। जिससे 69 हजार किसानों की लगभग 4 लाख बीघा जमीन रहन मुक्त होगी और यह प्रक्रिया जारी है। अभी तक 16 हजार 913 किसानों का 184 करोड़ रूपये माफ कर 80 हजार बीघा जमीन किसानों के नाम उनके राजस्व खातों में इंद्राज की गई है। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबन्धन के कारण ऋण माफी के पेटे 2000 करोड़ रूपये उपलब्ध कराये गये और शेष 6 हजार करोड़ रूपये हमारी सरकार ने किसानों के हित में वहन कर किसानों को ऋण माफी दी। उन्होंने कहा कि यदि गत सरकार पारदर्शिता के साथ ऋण माफी करती तो डूंगरपुर जैसे घटनाएं नहीं होती। हमने डूंगरपुर में गत सरकार की ऋण माफी में हुई अनियमिताओं की जांच करवाई है और 6 दोषियों को निलंबित किया गया है तथा तत्कालीन एमडी को चार्जशीट दी गई है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों की तरफ से खरीफ सीजन में किसानों को 10 हजार करोड़ रूपये के फसली ऋण का वितरण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ऋण वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए 3 जून से ऑनलाईन पंजीयन की व्यवस्था आरंभ की है, जिसके तहत 2.30 लाख किसानों ने पंजीयन करा लिया है।
गंगानगर जिले में हुई किसान की मृत्यु का जिक्र करते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि मृतक किसान द्वारा सिंड़ीकेट बैंक से लोन लिया गया था, किसान को लोन चुकाने के लिए किसी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि किसान का वीडियो एवं प्राप्त नोट के विषय में विस्तृत जांच करवाई जा रही है। चर्चा के बाद सहकारिता मंत्री के जवाब के दौरान असंतुष्ट प्रतिपक्ष भाजपा ने सदन से वॉकआउट कर दिया, परंतु मंत्री ने जवाब जारी रखा। मंत्री के जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही 8 जुलाई सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी।