चुनाव आयोग ने ‘EVM चैलेंज’ के दौरान मदरबोर्ड से छेड़छाड़ की AAP की मांग खारिज की
नई दिल्ली
चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी की उस मांग को ठुकरा दिया है जिसमें पार्टी ने EVM को हैक करने या उससे छेड़छाड़ की चुनौती के दौरान मदरबोर्ड से भी छेड़छाड़ की इजाजत मांगी थी। आयोग ने कहा है कि मशीन के मदरबोर्ड या इंटरनल पार्ट्स को बदलना अपने आप में पूरे उपकरण को ही बदलने जैसा है।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को AAP को लिखे खत में कहा है, 'आयोग यह मानता है कि ईवीएम के मदरबोर्ड या इंटरनल सर्किट को बदलने की इजाजत देने का मतलब हुआ कि किसी को भी नई मशीन बनाने का परमिशन दे दिया जाए या चुनाव आयोग के सिस्टम के तहत नई ईवीएम मशीन को लाने की इजाजत दे दी जाए। यह अकल्पनीय और अतार्किक है…कोई भी मिलती-जुलती मशीन एक अलग तरह की गैजट है जिसे जानबूझकर 'गड़बड़' तरीके से ही काम करने के लिए बनाया गया है जिसका आयोग की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से कोई लेना-देना नहीं है।
दरअसल आम आदमी पार्टी ने 24 मई को चुनाव आयोग को खत लिखकर आयोग से ईवीएम हैकिंग के लिए शर्तों और नियमों पर पुनर्विचार की गुजारिश की थी। AAP ने चुनाव आयोग से ईवीएम चैलेंज को 'ओपन हैकॉथन' में बदलने को कहा था जहां किसी भी तरह की टैंपरिंग को करने की इजाजत हो। पार्टी ने आयोग को लिखे खत में एमएलए सौरभ भारद्वाज द्वारा दिल्ली विधानसभा में ईवीएम जैसी मशीन के साथ टैंपरिंग करके दिखाए जाने का जिक्र करते हुए कहा था कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ संभव है। आयोग ने AAP के उसी खत का जवाब दिया है।
आयोग ने कहा, 'हमारी प्रशासनिक व्यवस्था और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत इस तरह की चीजें (मशीन के मदरबोर्ड या इंटरनल सर्किट बदले जाने की तरफ इशारा) मुमकिन ही नहीं हैं, इसलिए हमने ईवीएम चैलेंज के दौरान इसकी इजाजत नहीं दी है।' दिल्ली विधानसभा में AAP विधायक द्वारा 'ईवीएम' हैक करने पर आयोग ने कहा कि वह सिर्फ चुनाव आयोग की ईवीएम से मिलती-जुलती डिवाइस थी। नकली गैजट्स पर इस तरह के कथित डेमंन्स्ट्रेशन का गुमराह करने के लिए दुरुपयोग या आयोग द्वारा इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की छवि खराब करने के लिए दुरुपयोग नहीं किया जा सकता।
दिलचस्प बात यह है कि AAP या किसी भी दूसरी पार्टी ने अब तक 3 जून से शुरू हो रहे ईवीएम चैलेंज में हिस्सा लेने की पुष्टि नहीं की है। चुनाव आयोग ने गुरुवार को AAP को लिखे खत में यह भी कहा है कि भिंड, धौलपुर और बीएमसी चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ के आरोप 'तथ्यात्मक रूप से गलत, गुमराह करने वाले और सच्चाई से परे' हैं।