राष्ट्र को समर्पित देश का सबसे बड़ा पुल, मोदी बोले-‘अटल जी का सपना पूरा किया’
गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बने सबसे लंबे पुल 'ढोला-सादिया महासेतु' को देश को समर्पित किया। पुल का उद्घाटन करने के बाद पीएम खुद ही पुल का जायजा लेने पैदल ही निकल पड़े। वह काफी दूर तक अकेले गए। इस दौरान उन्होंने असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी बात की।
पीएम के संबोधन के प्रुमख अंश
लोगों को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की तीन साल की उपलब्धियां गिनाईं। पीएम ने कहा, 'आप सब लोग अपने फोन का कैमरा ऑन कर लीजिए ताकि पता चले कि कितना बड़ा जश्न हो रहा है।' पीएम के इस आह्वान पर लोगों ने अपने मोबाइल फोन के फ्लैश जलाकर पुल के उद्घाटन का उत्सव मनाया। उन्होंने कहा कि वर्ष २००३ में हमारे एक विधायक जगदीश भुइयां ने (पूर्व प्रधानमंत्री) वाजपेयी जी को यह पुल बनाने की गुजारिश की थी, उन्होंने मंजूरी दे दी थी। अगर वह आगली बार भी प्रधानमंत्री बनते तो यह पुल १० साल पहले ही बन गया होता। अटल जी का सपना आज पूरा हुआ।' पीएम ने कहा कि असम और अरुणांचल को जोड़ने वाला यह पुल दो राज्यों को करीब लाने के साथ ही पूर्वोत्तर में अर्थक्रांति भी लाएगा।
'महासेतु' की खासियत
-ब्रह्मपुत्र नदी पर बना ९.१५ किलो मीटर लंबा यह पुल एशिया का दूसरा सबसे लंबा पुल है।
-यह असम में तिनसुकिया जिले के ढोला तथा सदिया को जोड़ता है।
-यह मुंबई के बांद्रा वर्ली सी लिंक पुल से ३.५५ किलो मीटर लंबा है।
-यह पुल देश की सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए रणनीतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण है।
-यह पुल असम की राजधानी दिसपुर से ५४० किलो मीटर तथा अरूणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर से ३०० किलो मीटर दूर है।
-चीनी सीमा से इस पुल की हवाई दूरी महज १०० किलोमीटर है।
-यह पुल पूर्वी क्षेत्र के दूर-दराज के लोगों को देश के अन्य हिस्सों से जुडऩे के लिए सुविधा मुहैया कराएगा, जो अभी तक नौका के जरिए कहीं भी आने-जाने के लिए विवश थे।
-इस पुल के निर्माण का कार्य २०११ में शुरू हुआ था तथा इसके निर्माण पर ५० करोड़ रुपए लागत आई है।
-यह उतर-पूर्व में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की मुख्य परियोजना था तथा इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी में बनाया गया है।
असम में क्चछ्वक्क सरकार का १ साल
असम में आज दोहरा जश्न मनाया जाएगा। यहां सर्बानंद सोनोवाल की लीडरशिप वाली भाजपा सरकार एक साल पूरे करने जा रही है। माना जा रहा है कि इसी वजह से मोदी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने पर जश्न के लिए इस स्टेट को चुना है। १८ मई २०१६ को असम असेंबली के रिजल्ट आए थे। बीजेपी ने पहली राज्य में जीत दर्ज की थी। यहां १५ साल से राज कर रही कांग्रेस सरकार को बाहर कर दिया था।