“बीमा और लोन में राहत पाने के चक्कर में खुद फंसा—यूट्यूब से सीखा फर्जी खेल, पुलिस पूछताछ में हुआ कबूल”

ग्वालियरः एक तरफ वीडियो स्ट्रीमिंग साइट का उपयोग कर लोग ज्ञान की बातें सीखते हैं। लेकिन एमपी के ग्वालियर शहर से ऐसा मामला सामने आया जिसने सबको हैरान कर दिया। यहां एक युवक ने बैंक लोन से बचने और इंश्योरेंस क्लेम करने का तरीका निकालने का प्रयास किया। यूट्यूब पर वीडियो देखकर चोरी की कहानी गढ़ी। लेकिन मामला तब खुला जब पुलिस को उसकी बातों में कुछ गड़बड़ लगी। गहराई से जांच के बाद पूरा सच सामने आ गया। मिली जानकारी के अनुसार, घटना पुरानी छावनी थाना क्षेत्र के रुद्रपुरा की है। निवासी सुरेन्द्र सिंह यादव ने साल 2022 में 2016 मॉडल की पुरानी कार 4.50 लाख रुपये में खरीदी थी। कार खरीदने के बाद उसने बीमा कराया। अपने परिचितों की मदद से उसने करीब आठ लाख रुपये का बीमा करा लिया। इसी बीमा के आधार पर उसने कार को बैंक में गिरवी रखकर लोन लिया। लेकिन कर्ज चुकाने के बजाय उसने नया खेल रच दिया।

कार चोरी की गढ़ी झूठी कहानी
योजना के तहत उसने तय किया कि अगर कार चोरी दिखा दी जाए तो बीमा कंपनी से आठ लाख रुपये का क्लेम मिल जाएगा। साथ ही लोन का बोझ भी खत्म हो जाएगा। इसके लिए उसने पहले अपने घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवाए, ताकि चोरी की कहानी पर शक न हो। वारदात में बड़ागांव में रहने वाले दोस्त को शामिल किया। रात के समय उसने अपने दोस्त को कार की एक चाबी दी। साथ ही गाड़ी को वहां से हटाने को कहा। अगली सुबह सुरेन्द्र ने कार चोरी का शोर मचाकर पुलिस को सूचना दी।

पुलिस को ऐसे हुआ शक
कार चोरी की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। जब पुलिस ने कार के दस्तावेज खंगाले तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पता चला कि नौ साल पुरानी सेकंड हैंड कार का आठ लाख रुपये का बीमा कराया गया है। इतने महंगे बीमा ने ही पुलिस के शक को गहरा कर दिया।

सख्ती दिखाते ही टूटी हिम्मत
पुलिस ने सुरेन्द्र को रडार पर लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने पूरा राज खोल दिया। उसने स्वीकार किया कि बीमा और लोन का पैसा बचाने के लिए यूट्यूब से आइडिया लेकर उसने कार चोरी का नाटक रचा था। सुरेन्द्र ने पुलिस के सामने हाथ जोड़कर माफी मांगी और दोबारा ऐसी हरकत नहीं करने का भरोसा दिलाया। इसके बाद पुलिस ने उसे समझाइश देकर छोड़ दिया।

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