गरबा पंडालों की गाइडलाइन! एंट्री गेट पर युवकों की सिर्फ ID नहीं, मोबाइल की चैट हिस्ट्री भी चेक होगी

उज्जैन/दमोह : नवरात्रि पर्व 22 सितंबर से शुरू हो रहा है. इससे पहले ही गरबा पंडालों में एंट्री के लिए नियम-कायदे बनने लगे हैं. हालांकि हर साल संगठनों द्वारा गाइडलाइन जारी की जाती है. लेकिन इस बार कुछ और शर्तें जोड़ने की तैयारी चल रही है. साथ ही गरबे में आने वाली युवियों के ड्रेस को लेकर भी नियम-कायदे सख्त करने की पहल की जा रही है.

दुर्गा वाहिनी की संगोष्ठी में विचार-विमर्श

उज्जैन के कालिदास अकादमी में विश्व हिंदू परिषद का मातृ शक्ति दुर्गावाहिनी ने संगोष्ठी का आयोजन किया. दुर्गा वाहिनी की संगोष्ठी में 300 महिलाएं पहुंची. इस मौके पर काजल हिंदुस्तानी ने कहा "युवतियां गरबा पंडालों में जाएं तो बैकलेस, डीप नेक, चोली नहीं पहनें." गरबा पंडाल संचालकों से आह्वान करते हुए कहा "गरबे में आने वाले युवकों की आईडी तो चेक करें ही. साथ ही युवकों की मोबाइल चैट हिस्ट्री भी देखे, तभी प्रवेश दें. इसको लेकर बाकायदा होर्डिंग्स लगाएं कि गरबे में एंट्री के लिए क्या नियम बनाए गए हैं."

युवतियों के खिलाफ षड्यंत्र रचते हैं कुछ लोग

काजल हिंदुस्तानी ने कहा "मध्य प्रदेश में युवतियों के साथ षड्यंत्र रचने वाले असामाजिक तत्व सक्रिय हैं. ये प्रदेश इस मामले में हॉट स्पॉट बन चुका है. इंदौर, भोपाल में तो फंडिंग भी हुई है युवतियों के विरुद्ध षड्यंत्र करने के लिए. ये सीधा हारी संस्कृति पर हमला है. मध्य प्रदेश में कई छंगुर बाबा घूम रहै हैं, जो ओर्गनाइजड क्राइम कर रहे है. इनके कनेक्शन आतंकवादियों से हैं."

"बेटियों को कोई भी असामाजिक तत्व प्रेम जाल में फंसा नहीं पाए, इसलिए ये सब कदम उठाना जरूरी हैं." काजल हिंदुस्तानी ने सोशल मीडिया पर हमला करते हुए कहा "एक प्लेटफॉर्म पर रील कल्चर समाज को नुकसान पहुंचा रहा है. माताएं अपनी बेटियों के इस प्लेटफॉर्म पर नजर रखें."

दमोह में भी गरबा पंडालों के लिए नियम-कायदे

दमोह में भी नवरात्रि पर्व पर गरबा पंडालों में प्रवेश की शर्तें तय की जा रही हैं. पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी अप्रत्यक्ष रूप से इसका समर्थन किया है. नवरात्रि पर्व पर गरबा समितियां गरबे के कार्यक्रम आयोजित करती हैं. गरबे में असामाजिक तत्व भी एंट्री कर जाते हैं. इससे विवाद की स्थिति बनती है. इस अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. इसमें कहा गया है "गरबा पर्व नवरात्रि में माता रानी की भक्ति का पर्व है. इसमें माताएं बहनें फूहड़ डांस न करें. आयोजक भी फूहड़ गाने न बजाएं. अश्लीलता एवं फूहड़ता न हो, इसके लिए विधर्मियों को गरबा पंडालों में प्रवेश नहीं दें."

मंत्री प्रहलाद पटेल बोले- ये कोई ईवेंट नहीं, मर्यादा जरूरी

वहीं, पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल से जब इस संबंध में सवाल किया तो उन्होंने कहा "संस्कृति और संस्कार हमारी पहचान हैं. उसमें कोई श्रद्धा के साथ आए तो कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन जो वातावरण बना हुआ है, उसमें यह ईवेंट की तरह नहीं हो सकता. मुझे लगता है कि गरबा का आयोजन श्रद्धा भाव के साथ होना चाहिए. भाव तब पैदा हो सकता है, जब हम भगवती के प्रति अपनी आस्था रखें. यह ईवेंट नहीं है. हमें किसी से परहेज नहीं है लेकिन श्रद्धा और मर्यादा का ख्याल रखा जाना चाहिए."

वहीं, मातृशक्ति की जिला सहसंयोजक राखी दुबे का कहना है "गरबा माता रानी की भक्ति का पर्व है. इसमें सभी बहन-बेटियों से अनुरोध है कि उनका पहनावा भारतीय संस्कृति के अनुरूप हो. उत्सव में किसी तरह की फूहड़ता और अश्लीलता न हो."

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