US का बड़ा कदम: नेवादा लिथियम में निवेश से चीन की पकड़ कमजोर
व्यापार: अमेरिकी सरकार ने नेवादा के उत्तर में स्थित दुनिया के सबसे बड़े लिथियम खानों में से एक में हिस्सेदारी हासिल की है। डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी ने कनाडा स्थित लिथियम अमेरिका कंपनी में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने की घोषणा की। इस हिस्सेदारी का उद्देश्य अमेरिका की चीन पर निर्भरता को कम करना और घरेलू लिथियम आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करना है।
विदेशी प्रतिद्वंद्वियों पर कम होगी निर्भरता
डीओई ने लिथियम अमेरिका और जनरल मोटर्स के साथ संयुक्त रूप से चल रही थैकर पास लिथियम परियोजना में भी 5 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने का निर्णय लिया है। थैकर पास परियोजना इलेक्ट्रिक वाहनों, मोबाइल फोन और नवीकरणीय ऊर्जा में इस्तेमाल होने वाले उच्च गुणवत्ता वाले बैटरी लिथियम की आपूर्ति में अहम भूमिका निभाएगी। अमेरिका के ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने कहा कि इस समझौते से विदेशी प्रतिद्वंद्वियों पर हमारी निर्भरता कम होगी और अमेरिकी करदाताओं के पैसों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
40,000 मीट्रिक टन बैटरी-ग्रेड लिथियम कार्बोनेट का उत्पादन
पहले चरण में थैकर पास परियोजना से सालाना 40,000 मीट्रिक टन बैटरी-ग्रेड लिथियम कार्बोनेट का उत्पादन होने की उम्मीद है, जो लगभग 8 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को संचालित करने के लिए पर्याप्त है। इस कदम के साथ अमेरिकी सरकार ने निजी कंपनियों में सीधे निवेश की अपनी रणनीति जारी रखी है। इससे पहले सरकार ने इंटेल, एमपी मटेरियल और एनवीडिया/एएमडी में भी हिस्सेदारी हासिल की थी।
लिथियम अमेरिका ने डीओई के साथ गैर-बाध्यकारी समझौते के तहत 435 मिलियन डॉलर के फेडरल लोन के पहले हिस्से को अग्रिम रूप से लेने की योजना बनाई है। जनरल मोटर्स ने थैकर पास परियोजना में 900 मिलियन डॉलर से अधिक निवेश का वादा किया है। विश्लेषक डैन आईव्स ने इसे अमेरिका के लिए विशाल अवसर बताया और कहा कि इससे चीन और अन्य विदेशी देशों पर लिथियम आपूर्ति के मामले में निर्भरता कम होगी।