दिल्ली में अब कोविड शहीदों के परिवार को मिलेगा 1 करोड़, जानें प्रक्रिया

कोविड महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया थम सी गई थी, तब दिल्ली सरकार के कर्मचारी – डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी और अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स अपनी जान जोखिम में डालकर जनता की सेवा में जुटे थे. इनमें से कई ने ड्यूटी निभाते-निभाते अपनी जान गंवा दी. अब दिल्ली सरकार ने उनके परिवारों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि ऐसे सभी शहीद कर्मचारियों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. शुरुआती चरण में 10 परिवारों को यह मदद जारी की जाएगी.

पिछली सरकार ने पांच साल तक नहीं दी सहायता
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि पिछली सरकार ने भले ही कई घोषणाएं कीं, लेकिन पांच साल तक किसी भी परिवार को यह सहायता राशि नहीं मिली. अब भाजपा सरकार ने प्रक्रिया को सरल किया है ताकि शहीद कर्मचारियों के परिजनों तक यह मदद तुरंत पहुंच सके. उन्होंने कहा कि यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि संवेदनशील शासन का प्रतीक है और दिल्ली सरकार की ओर से शहीद कर्मवीरों के प्रति कृतज्ञता का भाव भी है.

निगरानी के लिए बनी समिति
इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक मंत्रियों का समूह गठित किया गया है, जिसमें कैबिनेट मंत्री आशीष सूद, कपिल मिश्रा और डॉ. पंकज कुमार सिंह शामिल हैं. इनके साथ राहत शाखा के आयुक्त नीरज सेमवाल और जिलाधिकारी अमोल श्रीवास्तव भी सहयोग करेंगे. समिति लगातार मामलों की समीक्षा कर रही है और आने वाले दिनों में और परिवारों को भी यह राहत राशि प्रदान की जाएगी.

परिवार को क्या करना होगा?
इस आर्थिक सहायता के लिए परिजनों को कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट और सबूत देने होंगे—
1. ड्यूटी का प्रमाण – मृतक कर्मचारी कोविड ड्यूटी पर तैनात था, यह साबित करना होगा. इसके लिए विभागीय आदेश, तैनाती पत्र या अस्पताल/विभाग से मिले आदेश मान्य होंगे.
2. संक्रमण और मौत का सबूत – RT-PCR रिपोर्ट, अस्पताल के डॉक्यूमेंट और मृत्यु प्रमाणपत्र देना जरूरी होगा, जिससे यह साफ हो कि मौत कोविड संक्रमण की वजह से हुई थी.
3. सरकार/विभाग में आवेदन – परिवार को संबंधित विभाग (जैसे स्वास्थ्य विभाग आदि) में आवेदन करना होगा, जिसके बाद मुआवजे की स्वीकृति दी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार हमेशा अपने शहीद कर्मचारियों के परिवारों के साथ खड़ी रहेगी और उनका त्याग दिल्ली के इतिहास में कभी भुलाया नहीं जाएगा.

Leave a Reply