कॉर्पोरेट अपडेट: इंडियन ऑयल में सौमित्र पी. श्रीवास्तव का नाम आया बोर्ड में, अदाणी ACC को झेलना पड़ा भारी जुर्माना
व्यापार: इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने सौमित्र पी. श्रीवास्तव को निदेशक (विपणन) के रूप में नियुक्त किया है। कंपनी में 30 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, श्रीवास्तव इस नई भूमिका में विपणन रणनीतियों को नई दिशा देंगे। श्रीवास्तव आईआईटी रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग और एसपी जैन इंस्टीट्यूट से एक्जीक्यूटिव एमबीए की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने सेल्स, रिटेल, एलपीजी व्यवसाय और कॉर्पोरेट रणनीति जैसे क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है। इसके अलावा उन्होंने उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा में विभिन्न नेतृत्वकारी भूमिकाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उनकी प्रमुख उपलब्धियों में गैर-ईंधन खुदरा स्टोर, डिजिटलीकरण और ध्रुव-खुदरा परिवर्तन परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में कार्यकारी निदेशक (कॉर्पोरेट रणनीति) के रूप में, उन्होंने परिचालन दक्षता और ग्राहक संतुष्टि पर ध्यान केंद्रित किया।
अदाणी समूह की एसीसी पर 23 करोड़ रुपये का जुर्माना
आयकर विभाग ने अदाणी समूह की सीमेंट कंपनी एसीसी लि. पर दो मामलों में 23.07 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। आकलन वर्ष 2015-16 के लिए आय का गलत विवरण प्रस्तुत करने पर 14.22 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। 2018-19 के लिए आय कम दिखाने के मामले में 8.85 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। 2014-15 के लिए विभाग ने 49.25 करोड़ के खर्चों को अस्वीकृत कर दिया था। इससे आय का गलत विवरण दिखाया गया। एसीसी ने बताया, वह इसके खिलाफ संबंधित प्राधिकरण में अपील करेगी। सितंबर, 2022 में अदाणी समूह ने 6.4 अरब डॉलर में होल्सिम समूह से अंबुजा व उसकी सहायक एसीसी को खरीदा था।
पारिवारिक कार्यालयों के लिए नियामक ढांचा नहीं बनेगा, सेबी का इनकार
भारतीय बाजार नियामक- सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने स्पष्ट किया है कि वह फिलहाल फैमिली ऑफिसेज़ के लिए कोई नियामक ढांचा लागू करने पर विचार नहीं कर रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सेबी इन निजी निवेश संस्थाओं को अपने अधिकार क्षेत्र में लाने की योजना बना रहा है। सेबी ने इन रिपोर्टों को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया और कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। फैमिली ऑफिसेज़ आमतौर पर उच्च-निवल मूल्य वाले व्यक्तियों और उनके परिवारों की संपत्ति और निवेश का प्रबंधन करते हैं।
कपड़ा क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना 31 दिसंबर तक बढ़ी
सरकार ने कपड़ा क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत आवेदन दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। यह निर्णय इस क्षेत्र से बड़ी संख्या में आवेदन मिलने के बाद लिया गया है। कपड़ा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, उद्योग जगत की बढ़ती रुचि से उत्साहित होकर सरकार संभावित निवेशकों को इस योजना में भाग लेने और लाभ उठाने का एक और अवसर दे रही है। वस्त्रों के लिए पीएलआई योजना 24 सितंबर, 2021 को अधिसूचित की गई थी। इसका उद्देश्य देश में एमएमएफ परिधान और कपड़े और तकनीकी वस्त्रों के उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देना है। अब तक 28,711 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश वाली 74 भागीदार कंपनियों को पीएलआई योजना के तहत लाभार्थियों के रूप में चुना गया है।
बैंकों की उधारी वृद्धि 12 फीसदी तक रहेगी
आरबीआई के उपायों के परिणामस्वरूप नकदी बढ़ने से चालू वित्त वर्ष में बैंकों की जमा वृद्धि दर पर्याप्त रहने की उम्मीद है। उधारी 11-12 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, टर्म डिपॉजिट में घरेलू भागीदारी में कमी और चालू और बचत खाता अनुपात में गिरावट से पता चलता है कि संरचनात्मक बदलाव हुए हैं।
पशु आहार पर से हटाया गया निर्यात प्रतिबंध
सरकार ने पशु आहार उद्योग में इस्तेमाल होने वाले तेलरहित चावल की भूसी पर निर्यात प्रतिबंध हटा दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने कहा, इस क्षेत्र की निर्यात नीति को तत्काल प्रतिबंधित से मुक्त में संशोधित किया जाता है। यह प्रतिबंध पिछले साल लगाया गया था। डेयरी उत्पाद, प्याज, आलू, कुछ सब्जियां, चावल और गेहूं जैसी कृषि वस्तुओं के भूटान को निर्यात को तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक लागू प्रतिबंधों और निषेधों से छूट दी गई है।
13 अक्तूबर के आईपीओ से पहले टाटा कैपिटल ने एंकर निवेशकों से 4,642 करोड़ रुपये जुटाए
टाटा कैपिटल ने अपनी बहुप्रतीक्षित आईपीओ से पहले एंकर निवेशकों से ₹4,642 करोड़ जुटाए। कंपनी ने 135 फंड्स को ₹326 प्रति शेयर की दर से 14.24 करोड़ शेयर आवंटित किए। ₹15,512 करोड़ का यह आईपीओ 6-8 अक्तूबर तक खुलेगा, जिसमें 21 करोड़ नए शेयर और 26.58 करोड़ शेयरों की बिक्री शामिल है। टाटा संस और इंटरनेशनल फाइनांस कॉरपोरेशन (IFC) अपनी हिस्सेदारी घटाएंगे। आईपीओ से प्राप्त राशि कंपनी की पूंजी को मजबूत करने में उपयोग होगी। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने ₹3,655 करोड़ का लाभ दर्ज किया। बता दें कि टाटा कैपिटल 13 अक्तूबर को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होगी।
अमेरिकियों की नियुक्ति, एच-1बी वीजा पर टीसीएस समेत 10 कंपनियों से पूछे सवाल
अमेरिकी सीनेटरों ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), कॉग्निजेंट समेत 10 प्रमुख कंपनियों से अमेरिकी कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी के बाद हजारों एच-1बी कुशल श्रमिक वीजा आवेदन दायर करने के बारे में जवाब तलब किया है। सवाल ऐसे समय पूछे गए हैं जब अमेरिका के तकनीकी क्षेत्र में बेरोजगारी दर समग्र बेरोजगारी दर से काफी ऊपर है। सीनेट न्यायपालिका समिति के अध्यक्ष चार्ल्स ग्रासली और रैंकिंग सदस्य रिचर्ड डर्बिन ने इस मामले में अमेजन, एपल, डेलॉइट, गूगल, जेपी मॉर्गन चेज, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट और वॉलमार्ट को भी पत्र लिखकर जवाब मांगा है। इन सांसदों ने पूछा कि क्या कंपनी ने किसी अमेरिकी कर्मचारी को हटाकर उसकी जगह एच-1बी कर्मचारी को नियुक्त किया है। साथ ही एच-1बी कर्मचारियों और उनके समकक्ष अमेरिकी कर्मचारियों के बीच वेतन असमनता के बारे में भी पूछा है। सीनेटरों ने कहा कि फेडरल रिजर्व के अनुसार, एसटीईएम डिग्री वाले हाल के अमेरिकी स्नातकों को अब आम जनता की तुलना में अधिक बेरोजगारी दर का सामना करना पड़ रहा है।
खातों को धोखाधड़ी बताने के खिलाफ अनिल अंबानी की अर्जी हाईकोर्ट से खारिज
बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्योगपति अनिल अंबानी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने एसबीआई की ओर से उनके और रिलायंस कम्युनिकेशंस के खातों को धोखाधड़ी घोषित करने के फैसले को चुनौती दी थी। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की पीठ ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है। एसबीआई ने पिछले साल इन खातों को धोखाधड़ी बताया था और आरोप लगाया था कि कंपनी ने ऋण शर्तों का उल्लंघन करते हुए लेनदेन कर पैसों की हेराफेरी की है। अंबानी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तर्क दिया कि बैंक ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया है, क्योंकि बैंक ने उन्हें सुनवाई का अवसर नहीं दिया। याचिका में दावा किया गया है कि कुछ दस्तावेज भी उन्हें शुरू में उपलब्ध नहीं कराए गए। उन्हें छह महीने बाद ही वे दस्तावेज उपलब्ध कराए गए। बैंक ने इस वर्ष सीबीआई में 2,929.05 करोड़ रुपये के नुकसान के दावे की शिकायत दर्ज कराई थी।