क्या बिहार में विपक्ष करेगा उलटफेर? चुनाव में बन रहे ये नए समीकरण
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Elections 2025) का बिगुल बज चुका है. आज चुनाव आयोग (election Commission) ने ऐलान किया कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव 22 नवंबर तक संपन्न कर लिए जाएंगे. चुनाव आयोग ने प्रति पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की संख्या को 1200 तक सीमित करने, सभी बूथ पर वेबकास्टिंग करने समेत EVM पर प्रत्याशियों की कलर फोटो तक करीब 17 नए प्रयोग इस बार चुनाव में किए हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साफ कहा कि चुनाव को लेकर पूरी तैयारी है, जल्द ही तारीखों की घोषणा कर दी जाएगी. इसी बीच सत्ताधारी NDA गठबंधन में सीट बंटवारे को अंतिम रूप देती दिखाई पड़ रही है. 5 अक्टूबर को बीजेपी बिहार प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और जनता दल यूनाइटेड के ललन सिंह से मीटिंग की. ये बैठकों काफी महत्वपूर्ण बताई जा रही हैं.
बता दें बीते दिनों एक्टर पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच मुलाकात हुई है, जिसके बाद अनुमान है कि पवन एनडीए के घटक दल के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक NDA की एकजुटता को मजबूत करने के लिए मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और अन्य सहयोगियों के साथ बातचीत में 102:101 (JDU:BJP) का फॉर्मूला पर विचार किया जा रहा है. सहमति बनने पर इसे रणनीति को सार्वजनिक करते हुए प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया जाएगा.
धमेंद्र प्रधान ने उपेंद्र कुशवाहा से भी मुलाकात की है. प्रधान का पटना में डेरा डालना और अमित शाह की संभावित यात्रा से संकेत मिलता है कि NDA विपक्षी महागठबंधन को कड़ी टक्कर देने को तैयार है और नए समीकरण बना रही है. उधर, RJD-कांग्रेस गठबंधन ने आयोग के ऐलान पर सतर्कता बरतने का आह्वान किया है, जबकि NDA विकास और सुशासन के मुद्दों पर जोर दे रहा है.
बिहार चुनावी मैदान में जातिगत समीकरण, युवा मतदाताओं की भूमिका और महिलाओं के लिए आरक्षण जैसे मुद्दे निर्णायक साबित होंगे. बिहार चुनाव 2025 न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के लिए मील का पत्थर साबित होंगे. क्या NDA अपनी लय बरकरार रख पाएगा या विपक्ष उलटफेर करेगा? आने वाले दिनों में यह साफ होगा. आइए आपको बिहार में चुनावी समर का ताजा हाल बताते हैं.