लालू यादव के सिंबल वितरण से सियासी गलियारों में हलचल तेज
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अब तक महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है, लेकिन आरजेडी की ओर से सिंबल दिया जाने लगा है. सोमवार देर शाम का राष्ट्रीय जनता के दल प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने अपनी पार्टी के कई नेताओं को अपने आवास पर बुलाकर पार्टी का सिंबल थमा दिया है.
लालू यादव की ओर से 14 नेताओं को पार्टी का सिंबल दे दिया गया है. आरजेडी का सिंबल पाने वाले नेताओं में पटना के मनेर से विधायक भाई वीरेंद्र, परबत्ता के विधायक डॉ संजीव कुमार, हथुआ से राजेश कुमार, मटियानी से बोगो सिंह, मसौढ़ी से रेखा पासवान और संदेश से दीपू सिंह का नाम शामिल है.
लालू ने इन नेताओं को भी दिया पार्टी का सिंबल
बाकियों में मीना पुर से मुन्ना यादव, ब्रह्मपुर से शंभू यादव, नोखा सीट से अनीता देवी, समस्तीपुर से अब्दुल इस्लाम शाहीन, साहेब पुर कमाल से ललन यादव, दरभंगा से ललित यादव, मधेपुरा से चंद्रशेखर और हिलसा से शक्ति यादव को सिंबल दिया गया है.
सहयोगियों को संकेत या दबाव की रणनीति?
अब सवाल है कि आखिर महागठबंधन में सीटों को लेकर डील का अभी तक कोई ऐलान नहीं हुआ, लेकिन उससे पहले लालू यादव हाथों नेताओं को सिंबल देना क्या सहयोगियों के लिए संकेत तो नहीं है. या फिर ऐसा तो नहीं है कि लालू यादव खुद सामने आकर जिस तरह से नेताओं को सिंबल बांटे हैं कहीं वो सहयोगी दलों पर दबाव बनाने की रणनीति तो नहीं है. खास बात यह है कि लालू यादव ने इन 14 नेताओं को खुद अपने हाथ से सिंबल दिया है जबकि वो कुछ ही देर पहले दिल्ली से पटना पहुंचे हैं.
तेजस्वी यादव बोले- महागठबंधन में सब कुछ ठीक
वहीं, दिल्ली से पटना पहुंचे तेजस्वी यादव ने सीट बंटवारे को लेकर कहा है कि सब कुछ ठीक है, जल्द ऐलान होगा. उन्होंने कहा कि बातचीत पूरी हो चुकी है. एक या दो दिन में सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा. एनडीए में चल रही खींचतान को लेकर उन्होंने कहा कि उस पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है. 14 नवंबर क बाद बिहार विकास की नई दिशा में आगे बढ़ेगा और सबको सब कुछ मिलेगा.
मनोज झा ने पोस्ट में कही गांठ की बात
दूसरी ओर आरजेडी नेता मनोज कुमार झा के एक्स पोस्ट को लेकर सियासी चर्चा गर्म हो गई है. उनका यह पोस्ट ऐसे समय में सामने आया जब तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी पटना लौट चुके हैं. राज्यसभा सांसद ने लिखा, ‘रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय, टूटे से फिर न मिले, मिले गांठ परिजाय.’ हर अवसर के लिए प्रासंगिक. आरजेडी सांसद के इस पोस्ट का अब अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं.
मीटिंग नहीं, लेकिन फोन पर हुई बात
सोमवार को जब तेजस्वी यादव अपने पिता लालू यादव के साथ एक मुकदमें को लेकर दिल्ली पहुंचे थे तो, इसके कयास लगाए जा रहे थे कि वो राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात कर सीटों पर चर्चा करेंगे. हालांकि, नेताओं के बीच में कोई मीटिंग नहीं हुई. जानकारी सामने आई कि तेजस्वी यादव ने फोन पर राहुल-खरगे से बात की जो सकारात्मक रही.