हर माह एक लाख से अधिक शिकायतें, वहीं BYD ने बड़े पैमाने पर शुरू किया व्हीकल रिकॉल

व्यापार:  कन्वर्जेंस पार्टनर की संख्या 2017 में 263 से बढ़कर सितंबर, 2025 तक 1,142 कंपनियों तक पहुंच गई है। इससे समय पर शिकायत निवारण के लिए तंत्र मजबूत हुआ है। कन्वर्जेस पहल के तहत कंपनियां स्वैच्छिक व निशुल्क आधार पर एनसीएच के साथ साझेदारी करती हैं, ताकि ग्राहकों की शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जा सके। एनसीएच ने जुलाई, 2025 में 27 क्षेत्रों में 7,256 उपभोक्ता शिकायतों का समाधान कर 2.72 करोड़ का रिफंड दिया है। अप्रैल, 2025 में 1079 शिकायतों के निपटारे के साथ 62 लाख के रिफंड हुए थे। जुलाई में ई-कॉमर्स में रिफंड से संबंधित शिकायतों की सबसे बड़ी संख्या थी।
 
500 करोड़ डॉलर की बिक्री से रुपया तीन दिन में 78 पैसे चढ़ा
अमेरिकी डॉलर की तुलना में गिरावट झेल रहा रुपया अब सुधर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से हस्तक्षेप करने के बाद घरेलू मुद्रा तीन दिन में 78 पैसे मजबूत हुई है। इस दौरान आरबीआई ने 500 करोड़ से ज्यादा का डॉलर बेच दिया है। 14 अक्तूबर को रुपया 88.81 के निचले स्तर पर पहुंच गया था।
 
आईपीओ से खाद्य और पेय क्षेत्र की कंपनियां जुटाएंगी 9,000 करोड़ रुपये 
खाद्य-पेय और आतिथ्य क्षेत्र की एक दर्जन कंपनियांे कुछ महीनों में आईपीओ के जरिये 9,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही हैं। बढ़ती खपत मांग और उद्योग के प्रति निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी से यह कंपनियां बाजार में उतरने को तैयार हैं। इस उद्योग में अभी भी क्षेत्रीय और असंगठित क्षेत्र के कुछ हिस्सों का दबदबा है।

दुग्ध उत्पादों व आइसक्रीम की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराने वाली मिल्की मिस्ट डेयरी फूड 2,035 करोड़ का आईपीओ लाने की योजना बना रही है। प्रेस्टिज 2,700 करोड़, फूडलिंक 170 करोड़ रुपये, क्यूरफूड्स 850 करोड़ और इंफीफ्रेश 1,700 करोड़ जुटाने की योजना पर काम कर रही है। इन सभी ने बाजार नियामक सेबी के पास मसौदा जमा कराया है। प्रेस्टिज को मंजूरी भी मिल चुकी है। ये कंपनियां निवेशकों को ऐसे व्यवसायों में निवेश का अवसर प्रदान करती हैं, जिनमें मांग के साथ बेहतर मार्जिन और अच्छे अवसर होते हैं। इस उद्योग में अब भी विस्तार की गुंजाइश है। संगठित क्षेत्र का दबदबा कम होने से इसमें कंपनियों के मजबूत होने का अवसर है। 

ट गुड्स के लिए पीएलआई की अवधि 10 नवंबर तक बढ़ी
नई दिल्ली। सरकार ने एसी और एलईडी लाइट जैसे व्हाइट गुड्स क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना के तहत आवेदन की अवधि 10 नवंबर तक बढ़ा दी है। चौथे दौर के लिए आवेदन की अवधि मूल रूप से 15 सितंबर से 14 अक्तूबर तक खुली थी। उद्योग जगत की मजबूत प्रतिक्रिया और योजना के तहत बढ़ती निवेश दिलचस्पी को देखते हुए इसे फिर से बढ़ा दिया गया है।
अप्रैल, 2021 में 6,238 करोड़ के कुल खर्च के साथ उपरोक्त क्षेत्र के लिए शुरू की गई पीएलआई योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण, घटकों के स्थानीयकरण को बढ़ावा देना है। 

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