‘वे सनातन से जितना दूर जाएंगे, मतदाता उनसे उतना ही दूर होंगे’, कर्नाटक सीएम के बयान पर संघ का पलटवार
बंगलूरू। कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) के सनातन (Sanatana) को लेकर दिए गए बयान पर विवाद हो गया है। भाजपा (BJP) और संघ (RSS) के नेताओं ने सीएम सिद्धारमैया के बयान पर पलटवार किया है। दरअसल सीएम सिद्धारमैया ने अपने एक बयान में लोगों से सनातनियों की संगति से दूर रहने की अपील की है। भाजपा और संघ के नेताओं ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और दावा किया कि सिद्धारमैया अपनी सरकार की विफलता से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं।
सिद्धारमैया के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद जगदीश शेट्टार ने सीएम पर निशाना साधते हुए कहा, ‘केवल अपनी सुविधा के लिए वह ये सभी बयान दे रहे हैं, क्योंकि उनका प्रशासन और कानून-व्यवस्था विफल है। भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है, इसलिए, ध्यान भटकाने के लिए, वे आरएसएस के खिलाफ बिना किसी ठोस सबूत के आरोप लगा रहे हैं।’
विश्व हिंदू परिषद के नेता विनोद बंसल ने सीएम के बयान पर कहा, ‘कर्नाटक के मुख्यमंत्री, जिनके माता-पिता के नाम में ‘राम’ है, जिनकी पत्नी का नाम ‘पार्वती’ है और जो खुद सिद्धारमैया कहलाते हैं, लोगों को ‘सनातनियों’ की संगति से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। उनके मंत्रिमंडल के मंत्री क्या कहते हैं? सनातन को खत्म कर दो क्योंकि यह डेंगू और मलेरिया फैलाता है और वे आरएसएस और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाते हैं। यह कैसी मानसिकता है? वे सनातन से जितना दूर जाएंगे, उनके मतदाता उनसे उतना ही दूर होते जाएंगे। वे यह बात क्यों नहीं समझ पा रहे?’
दरअसल सीएम सिद्धारमैया ने अपने एक बयान में लोगों से अपील करते हुए कहा कि, ‘अपनी संगति सही रखें। उन लोगों के साथ जुड़ें जो समाज के लिए खड़े हैं, न कि उन लोगों के साथ जो सामाजिक बदलाव का विरोध करते हैं, जैसे सनातनी’। सिद्धारमैया ने नागरिकों से समाज में प्रगतिशील और तार्किक ताकतों के साथ जुड़ने का आग्रह किया।