आंवला नवमी कब? 3:31 घंटे का है मुहूर्त, लेकिन सुबह से चोर पंचक

आंवला नवमी को अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी मनाई जाती है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं. भगवान विष्णु को आंवले का भोग लगाते हैं. उस पेड़ के नीचे बैठक भोजन करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पूजा पाठ और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. यह नवमी तिथि अक्षय पुण्य देने वाली है, इसलिए इसे अक्षय नवमी कहा जाता है. इस बार आंवला नवमी के दिन पूजा के लिए आपको 3:31 घंटे का मुहूर्त प्राप्त होगा. लेकिन सुबह से ही चोर पंचक लगेगा. आइए जानते हैं कि आंवला नवमी कब है? आंवला नवमी का मुहूर्त क्या है? अक्षय नवमी का महत्व क्या है?
आंवला नवमी की तारीख

दृक पंचांग के अनुसार, आंवला नवमी के लिए आवश्यक कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 6 मिनट से शुरू होगी और यह 31 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 3 मिनट तक मान्य है. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर आंवला नवमी या अक्षय नवमी 31 अक्टूबर शुक्रवार को है.

आंवला नवमी मुहूर्त

    आंवला नवमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 3 घंटे 31 मिनट तक है. आंवला नवमी पूजा का शुभ समय सुबह 6 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होगा और यह सुबह 10 बजकर 03 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में आपको आंवला नवमी की पूजा कर लेनी चाहिए.
    आंवला नवमी के दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:49 ए एम से 05:41 ए एम तक है. उस दिन का शुभ समय या अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है.

2 शुभ योग में आंवला नवमी
इस साल आंवला नवमी पर 2 शुभ योग बन रहे हैं. आंवला नवमी पर प्रात:काल में वृद्धि योग बनेगा, जो 1 नवंबर को 04:32 ए एम तक रहेगा. इस योग में आप जो शुभ कार्य करेंगे, उसके फल में वृद्धि होगी.
वहीं आंवला नवमी पर पूरे दिन रवि योग बनेगा. रवि योग में सभी प्रकार के दोष मिट जाते हैं. आंवला नवमी पर धनिष्ठा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर शाम 06 बजकर 51 मिनट तक है, उसके बाद से शतभिषा नक्षत्र है.
चोर पंचक में आंवला नवमी
इस बार आंवला नवमी के दिन चोर पंचक लग रहा है. चोर पंचक सुबह में 06 बजकर 48 मिनट से प्रारंभ होगा और पूरे दिन रहेगा. शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक होता है. इसमें वस्तुओं की चोरी की आशंका रहती है.

आंवला नवमी का महत्व

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करने से पाप मिटते हैं, साथ ही अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
    आंवला नवमी पर आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने से सेहत अच्छी होती है. उत्तम आरोग्य का वरदान मिलता है.
    आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ से अमृ​त की बूंदें गिरती हैं, इस वजह से उसके नीचे बैठकर भोजन करने की बात कहीं गई है.
    आंवला नवमी की पूजा से आपके कष्ट दूर होंगे. जीवन में सुख और शांति आएगी.

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