थार रेगिस्तान में सप्त शक्ति कमान का युद्धाभ्यास , सेंटिनल स्ट्राइक में हुई आक्रमकता और स्वदेशी तकनीक की परख

जयपुर/बीकानेर : राजस्थान के थार रेगिस्तान में सेना का तीन दिवसीय इंटीग्रेटेड फायरिंग एक्सरसाइज “सेंटिनल स्ट्राइक” का सफल आयोजन किया गया. महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में सप्त शक्ति कमान की ओर से 28 से 30 अक्टूबर 2025 तक इस अभ्यास को किया गया. इसका मकसद आधुनिक युद्ध के बदलते स्वरूप के मुताबिक सेना की सामरिक क्षमता और आपसी समन्वय को और अधिक मजबूत बनाना था.
रक्षा प्रवक्ता ले कर्नल निखिल धवन ने बताया कि इस अभ्यास में एकीकृत तरीके से विविध फायरिंग प्लेटफार्मों का उपयोग किया गया, जिसमें मैकेनाइज्ड फोर्सेस तथा जमीनी हथियार प्रणाली और हवाई फायरिंग शामिल थी. इस सैन्य अभ्यास में, लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह, आर्मी कमांडर सप्त शक्ति कमान तथा अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद रहे.
काउंटर ड्रोन और सी-यूएएस ऑपरेशन : इस बड़े पैमाने पर किए गए युद्धाभ्यास में मैकेनाइज्ड फोर्सेस, जमीनी हथियार प्रणालियां और हवाई प्लेटफार्मों का संयुक्त उपयोग किया गया. अभ्यास के दौरान सैनिकों ने जमीनी और हवाई फायरिंग के साथ-साथ ड्रोन थ्रेट से निपटने के लिए काउंटर ड्रोन और सी-यूएएस (Counter-Unmanned Aerial System) ऑपरेशन भी किए.
बेहतर तालमेल आया नजर : रक्षा प्रवक्ता ले कर्नल निखिल धवन ने बताया कि इस युद्ध अभ्यास के दौरान आधुनिक तोपखाने के हथियारों, अजेय (टी-72 टैंक), बीएमपी वाहनों और अटैक हेलीकॉप्टर ने मिलकर जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन किया. स्वदेशी रूप से निर्मित लंबी दूरी की हवाई और जमीनी प्रणालियों ने इस अभ्यास में अहम भूमिका निभाई. इस दौरान विभिन्न शाखाओं के बीच बेहतरीन तालमेल देखा गया, जिसने यह साबित किया कि भारतीय सेना आधुनिक तकनीक को किस तरह सफलतापूर्वक अपने अभियानों में शामिल कर रही है.
फायर पॉवर के प्रदर्शन के दौरान लक्ष्य पर जबरदस्त सटीकता दिखाई दी. निगरानी और इंटेलिजेंस सिस्टम के जरिए युद्ध क्षेत्र की स्थितियों पर रीयल-टाइम जानकारी साझा की गई, जिससे संयुक्त अभियान की प्रभावशीलता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला.
आत्मनिर्भर भारत पर जोर : लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि सेना की सफलता उसकी निरंतर तैयारी और तकनीकी अनुकूलन पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत’ के तहत तैयार किए जा रहे स्वदेशी सैन्य प्लेटफॉर्मों का प्रभावी उपयोग सेना की ताकत में बड़ा योगदान देगा. अंत में, आर्मी कमांडर ने सभी अधिकारियों और जवानों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी और उन्हें निरंतर नई रणनीतियों एवं तकनीकों के साथ अपनी क्षमताओं को और निखारने के लिए प्रेरित किया.
