ज्योतिष की चेतावनी: साल 2017 में शनिदेव दे रहे हैं बड़े संकट का संकेत
रविवार दिनांक 01.01.17 प्रातः 07 बजकर 18 मिनट अर्थात सूर्योदय पर भारत की राजधानी दिल्ली के रेखांश व अक्षांश पर निर्मित कुंडली धनु लग्न की है। इस कुंडली में भाग्येश सूर्य व कर्मेश बुध लग्न (धनु राशि) में विराजित हैं, जिससे साल 2017 का प्रारंभ बुद्धादित्य नामक राजयोग से हुआ है। इस कुंडली में आयु का स्वामी चंद्र धन भाव (मकर राशि) में विराजित है। पंचमेश मंगल, लभेश शुक्र और केतू पराक्रम भाव (कुंभ राशि) में विराजित है। छाया ग्रह राहू भाग्य स्थान (सिंह राशि) में स्थित है तथा लग्नेश देव गुरु कर्म भाव (कन्या राशि) में विराजित है। इस कुंडली में लग्नेश गुरु व कर्मेश बुध के बीच राशि परिवर्तन योग बन रहे हैं। इन योगों के प्रभाव से साल 2017 में भारत को प्राकृतिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। साल 2017 में एयर व रेल एक्सीडैंट, संघर्ष व आगजनी जैसी घटनाएं विचलित कर सकती हैं। इस साल असंगठित अपराध में वृद्धि हो सकती है।
स्वतंत्र भारत की कुंडली वृष लग्न की है तथा लग्न में राहू, दूसरे भाव में मारकेश मंगल, तीसरे भाव में पराक्रमेष चंद्र, चतुर्तेश सूर्य, पंचमेश बुध, लग्नेश शुक्र व कर्मेश शनि विराजित है। छठे भाव में आयुएश गुरु व सातवें भाव में केतु विराजित हैं। मेदिनी ज्योतिष में किसी भी राष्ट्र की कुंडली का लग्न, दूसरा, चौथा, छठा व नवम भाव महत्वपूर्ण होता है। लग्न से प्रगति, शासनसत्ता की ईमानदारी, दूसरे भाव से धन, पड़ोसी राष्ट्रों से संबंध. चौथे भाव से जनता की मानसिक स्थिति व छठे भाव से ऋण व शत्रु के बारे में ज्ञात किया जाता है। दिनांक 26.01.17 को कार्मेश राशि परिवर्तन करके, साल 2017 के लग्न में विराजित होगा। अतः शनि के कारण भारत की न्यायपालिका धारदार नजर आएगी व भ्रष्टाचार को रोकने व जनता को राहत देने में सक्रिय भूमिका निभाएगी। गुरु से दूषित शनि शत्रु भाव से दृष्ट पहले अल्प वर्षा तत्पश्चात बाड़ जैसे हालात पैदा कर सकता है। गुरु व शनि के दुष्ट संबंध से इस साल महामारी व वायरस जनित बीमारियों से जनता को कष्ट हो सकता है।
साल 2017 में मंगलवार दिनांक 08.08.17 से गुरुवार दिनांक 05.10.17 के बीच की गृह स्थिति किसी विशिष्ट व ख्याति प्राप्त अभिनेता या राजनेता की क्षति के संकेत दे रही है। इसी दौरान भारत में आतंकवादी घटनाएं भी हो सकती हैं। दिनांक 05.10.17 के बाद इन घटनाओं में कमी भी आएगी। शनिवार दिनांक 11.03.17 से लेकर सोमवार दिनांक 27.03.17 तक बुध के नीच होने से सरहद पर बेचैनी व झड़प नज़र आ सकती है। इसी दौरान मार्केश मंगल के प्रबल होने से जनहानि भी संभव है। साल 2017 की उदित कुंडली में बुध धनु में व बृहस्पति कन्या से राशि परिवर्तन योग बनाएंगे। शुक्र, केतु व मंगल शनि की राशि कुंभ से सिंह राशि में दृष्टि डालेंगे। राहु अपने शत्रु सूर्य की राशि सिंह में बैठकर नकारात्मक स्थिति बनाएगा। जिससे विकसित राष्ट्रों के बीच भारत का दबदबा बढ़ेगा व पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय समुदाय में असर कम होगा।
साल 2017 में भारत को पाकिस्तान से ज्यादा चीन की चिंता करनी पड़ेगी। भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खट्टे-मीठे दोनों तरह के अनुभवों से गुजरना पड़ सकता है। साल 2017 में 26.01.17 के बाद नोटबंदी से होने वाली दिक्कतों से जनता को राहत मिलेगी। 26 जनवरी, 2017 को जब शनिदेव अपने 62 चन्द्रमाओं के साथ अपना घर बदलेंगे तो अनेक पॉज़ीटिव रिजल्ट्स मिल सकते हैं। नोटबंदी से उपजी मुश्किलें दिनांक 26.01.17 के बाद के बाद कम होने के आसार हैं। सरकारी कर का स्वामी मंगल होने से जनता को करों में राहत मिल सकती है। दिनांक 21.05.17 से दिनांक 18.11.17 के बीच शनि के वक्री होने के कारण अर्थव्यवस्था की रफ़्तार धीमी पड़ने से आर्थिक कुप्रभाव भी दिखाई देंगे। साल 2017 की अंतिम तिमाही में केंद्र सरकार आलोचनाओं में घिर जाए और यह समय भारत के लिए आर्थिक संकट का हो सकता है।