पाकिस्तान तस्करों से जुड़े हैं फरार आरोपी राणा के तार, जानें 532 किलो हेरोइन का कनेक्शन

कस्टम विभाग की ओर से कुछ दिन पहले बरामद की गई 532 किलो हेरोइन के मामले में रंजीत सिंह राणा ही मुख्य आरोपी है। राणा के तार पाकिस्तानी नशा तस्करों से जुड़े हैं। राणा के पाकिस्तानी तस्करों से तार जुड़ने का दावा स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के आईजी स्नेहदीप शर्मा ने किया है। पुलिस टीम को राणा के गांव मीरथल से दीनानगर रोड के कच्चे रास्ते पर बने छोटे से फार्म हाउस से चेकिंग के दौरान कई ऐसे सबूत मिले हैं जिससे साबित होता है कि उसके लिंक पाकिस्तानी तस्करों से जुड़े हैं। पुलिस टीम को पाकिस्तानी सिम के साथ-साथ वहां से फोन भी बरामद हुए हैं। पुलिस अब सिम से और वहां मिले फोन से कई जानकारियां जुटाएंगी। 

532 किलो हेरोइन के मामले की जांच एनआईए कर रही है। इसके बारे में आईजी ने कुछ भी पता नहीं होने की बात कहीं है। उन्होंने कहा कि कस्टम विभाग और एनआईए की टीमें भी आरोपी राणा का पता लगाने में जुटी है। उनके साथ-साथ पंजाब पुलिस और एसटीएफ की टीमें भी आरोपी रंजीत सिंह राणा की तलाश में जुटी है।

राणा के साथ-साथ पुलिस टीम भोला की भी तलाश में जुटी है ताकि इन भाइयों को गिरफ्तार कर पंजाब में चल रहे नशे के कारोबार की काफी हद तक कमर तोड़ी जा सके। पुलिस नशा तस्करी के कारोबार से आरोपियों द्वारा कमाई गई सभी प्रॉपर्टी केस के साथ अटैच करने की कार्रवाई में भी जुट गई है। 

राणा बॉर्डर एरिया से हेरोइन लाकर फार्म हाउस में छिपाता था

आईजी स्नेहदीप शर्मा ने बताया कि रंजीत सिंह राणा और उसके पांच भाई है। छह भाइयों में से पांच नशा तस्करी के धंधे से जुड़े हैं। आरोपी राणा ही इस नशे के कारोबार का किंगपिन था। वह ही बॉर्डर एरिया से हेरोइन की बड़ी खेप गाड़ियों में छिपाकर लाता था और फार्म हाउस तक पहुंचाता था। 

वहां से सभी भाई मिलकर अपने-अपने साथियों के साथ नशा सप्लाई के धंधे में लग जाते थे। आरोपी राणा पुलिस से बचता हुआ फार्म हाउस में अक्सर आता-जाता था और कई-कई दिन तक वहीं रहता था। जब उसे खतरा लगता तो वह वहां से फरार हो जाता था। फार्म हाउस के पीछे जमीन पर दबाकर रखे ड्रग मनी के एक करोड़ दो लाख 90 हजार रुपये भी आरोपी राणा ने ही दबाकर रखे थे। इसके बारे में सिर्फ भाइयों को ही पता था। 

जाली करेंसी से शुरू हुआ धंधा नशे के कारोबार तक पहुंचा

आईजी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी बिल्ला पर पहले जाली करेंसी का मामला दर्ज हुआ था। वह पांच से छह साल तक की सजा भी काट चुका है। पूरे परिवार पर जाली करेंसी के आरोप में मामले दर्ज हैं। जाली करेंसी से शुरू किया धंधा आरोपियों ने नशे के बड़े कारोबार में बदल लिया। उन्होंने कहा कि रविवार को छापामारी के दौरान पुलिस को देख फरार हुआ आरोपी भोला नशा तस्करी के कई मामलों में वांछित है। पुलिस काफी समय से उसकी तलाश में जुटी है। 

 

जेल से भी चल रहा है नशे का कारोबार

आईजी स्नेहदीप शर्मा ने बताया कि आरोपियों का एक भाई कुलदीप सिंह नशा तस्करी के आरोप में अमृतसर जेल में बंद है। वह जेल में रहकर भी नशा तस्करी का धंधा धड़ल्ले से कर रहा है। वह अपने कारिंदों को हेरोइन की खेप पहुंचवा देता था और वह आगे ग्राहकों को सप्लाई करते थे। 

जब पुलिस को आरोपी कुलदीप सिंह के बारे में पता चला तो रविवार पुलिस की एक टीम ने अमृतसर जेल में चेकिंग करवाई। चेकिंग के दौरान आरोपी कुलदीप सिंह के कब्जे से एक फोन भी बरामद हुआ है। इससे यह साबित होता है कि आरोपी कुलदीप सिंह बाहर नशे की काली दुनिया से लगातार संपर्क में था। 

बॉर्डर एरिया के साथ-साथ पूरे पंजाब में बना रखा है नेटवर्क

पुलिस का कहना है कि आरोपियों का अपने इलाके में काफी रसूख था। आरोपियों ने आसपास के कई इलाकों में जायदाद खरीद रखी थी। वहां आते-जाते भी थे और लोगों में भी आरोपियों ने अच्छा रसूख बना रखा था। आरोपियों का बॉर्डर एरिया के साथ-साथ पूरे पंजाब में नशे का नेटवर्क था। पुलिस गिरफ्तार किए गए आरोपी बिल्ला से पूछताछ कर पता लगाने में जुटी है कि भाइयों के अलावा और कौन-कौन उनके साथ नशे के इस कारोबार में संलिप्त है। 

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