पाकिस्तान में 550वें प्रकाश पर्व की तैयारियों को लेकर अब भी सरगर्म है गोपाल चावला, बनाया दफ्तर
पद से हटाए जाने के बावजूद गोपाल चावला पंजाबी सिख संगत संस्था के चेयरमैन के रूप में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के आयोजन में पूरी तरह सरगर्म है। पाकिस्तान सरकार द्वारा खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव पद से हटा दिया गया है।पीएसजीपीसी के महासचिव की जिम्मेदारी संभालने के बाद गोपाल चावला ने गुरुद्वारा ननकाना साहिब में पंजाबी सिख संगत संस्था का दफ्तर भी स्थापित कर लिया था। इसी दफ्तर में बैठ कर गोपाल चावला विदेशों में बसे खालिस्तानियों के पाकिस्तान दौरे के दौरान भारत विरोधी गतिविधियों को संचालित करता रहा है।
वही गुरुद्वारा ननकाना साहिब के धार्मिक आयोजनों पर कंट्रोल भी करता है। गुरुद्वारा साहिब में स्थित इस दफ्तर में गोपाल चावला ने अपनी सीट के ऊपर श्री गुरु नानक देव जी का एक चित्र टांगा हुआ है। टेबल के दाई तरफ पाकिस्तानी झंडा और दूसरी तरफ एक केसरी झंडा रखा हुआ है।
केसरी झंडे पर खालिस्तान लिखा हुआ है या नहीं, यह जानकारी तो नहीं मिली, लेकिन चावला ने इस केसरी झंडे को पाकिस्तान के झंडे से थोड़ा ऊंचा रखा हुआ है। दो दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार डॉ. इशरत हुसैन के गुरुद्वारा ननकाना साहिब के दौरे के दौरान गोपाल चावला ने उन्हें सम्मानित किया, लेकिन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नवनियुक्त प्रधान जसवंत सिंह के साथ दूरी बनाकर रखी।
डॉ. इशरत हुसैन द्वारा ईटीपीबी के अधिकारियों के साथ की गई मीटिंग में गोपाल चावला को दूर रखा गया, लेकिन डॉ. इशरत हुसैन को सम्मानित करने की फोटो जो पाकिस्तानी अखबारों में छपी, उसकी कटिंग सोशल मीडिया पर डाल कर विदेशों में बैठे खालिस्तानियों को इस बात के संदेश दिए कि वह अब भी पाकिस्तान की सिख राजनीति और धार्मिक मामलों में पकड़ रखते हैं।
नगर कीर्तन में खालिस्तानी गतिविधियों को हवा दे सकता है चावला
गोपाल चावला अपने अस्तित्व को बचाने के लिए बड़ी संख्या में पाकिस्तानी संगत के साथ श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व में गुरुद्वारा ननकाना साहिब से निकाले जाने वाले इंटरनेशनल नगर कीर्तन में शामिल होगा। एक सिख के नाते चावला को कोई नहीं रोक सकता।
नगर कीर्तन के दौरान चावला द्वारा किए जाने वाले संभावित खालिस्तानी प्रचार को लेकर देश की सुरक्षा एजेंसीज की नजरें गढ़ गई हैं। नगर कीर्तन में पहली बार सिखों की कई धार्मिक शख्सियतें शामिल हो रही हैं। उनकी उपस्थिति के दौरान गोपाल चावला खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देने के लिए ऐसी हरकत कर सकता है।