अनोखी परंपरा: आज रात चंबा जिले मेें मनाई जाएगी खूनी लोहड़ी
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले मेें लोहड़ी का अनोखा त्योहार मनाया जाता है। दरअसल यहां इस त्योहार को खूनी लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है। जानकारी के अनुसार सदियों से चली आ रही खूनी लोहड़ी की परंपरा यहां आज भी कायम है। आज भी मढ़ियों को लेकर मारपीट होती है, कई लोगों के सिर फूटते हैं, लेकिन पुलिस कुछ नहीं करती। हैरानी की बात तो यह है कि यहां वर्षों से कोई जानी नुकसान का मामला सामने नहीं आया है। बताया जा रहा है कि सदियों से सुराड़ा क्षेत्र को राज मढ़ी (पुरुष) का दर्जा है।
इस क्षेत्र में 13 अन्य मढि़यां (महिला) हैं। मकर संक्रांति से एक दिन पहले 13 जनवरी की रात हो सुराड़ा क्षेत्र के लोग राज मढ़ी की प्रतीक मशाल को हर मढ़ी में लेकर जाते हैं। वह इस पर्व पर 18 से 20 फीट लंबी मशाल को एक के बाद एक मढ़ी में गाड़कर अपना कब्जा करते है। कब्जा करने को लेकर दोनों क्षेत्रों के लोगों में मारपीट होती है।
इतना ही नहीं लोग डंडों और धारदार हथियारों से एक-दूसरे पर हमला करते है। रियासत काल में इस दौरान अगर मारपीट में किसी भी जान भी चली जाए तो एक खून माफ होता था। राज मढ़ी के लोग इसे रूप में मानते हैं जबकि महिला मढ़ी वाले इसे कब्जे में रूप में देखते हैं। इसके चलते परंपरा धीरे-धीरे प्रतीक रूप लेती जा रही है। इनसे निपटने को पुलिस तैनात रहती है। यहां लोहड़ी पर्व पुलिस की देखरेख में होता है।