छप्पन भोग एवं महाआरती के बाद ढाई दिन के लिए मायके आई गौरी एवं रेणुका को विदाई
इन्दौर । ढाई दिन के लिए मायके आई मां गौरी एवं मां रेणुका को महाराष्ट्रीयन पाटिल परिवारों ने ससुराल जाने के पहले धूमधाम से विदाई दी। सैकड़ों महिलाओं ने दोनों देवियों को ढोल-ढमाकों के साथ छप्पन भोग समर्पित किए, पुष्पबंगला सजाया और रातभर जागरण कर भजनों के माध्यम से उनकी वंदना भी की। पालदा स्थित शिव संकल्प परिवार से दोनों को आज सुबह विदाई दी गई।
शिव संकल्प परिवार पालदा की श्रीमती नलिनी पाटिल एवं सुमन गावंडे ने बताया कि मायके में ढाई दिनों तक मेहमाननवाजी के बाद उनकी विदाई के उपलक्ष्य में विशेष उत्सव का आयोजन हुआ। इसमें महाराष्ट्रीयन पाटिल समाज के सैकड़ों बंधुओं ने उत्साह से भाग लेकर पुष्पबंगला सजाया, फिर छप्पन भोग समर्पित किए, कतारबद्ध होकर आरती में भाग लिया और दोनों देवियों को फिर जल्दी मायके आने का न्यौता भी दिया। शिव संकल्प परिवार के शिव पाटिल, यशवंत पाटिल एवं अन्य समाजबंधुओं ने सभी मेहमानों की अगवानी की। पौराणिक मान्यता है कि मायके आने के लिए दोनों देवियों ने देवताओं से मन्नतें की थी। देवताओं द्वारा इनकार करने पर दोनों देवियों ने मायके में मिलने वाले स्नेह और प्रेम की दुहाई देते हुए मायके जाने की इच्छा जताई तब देवताओं ने प्रसन्न होकर उन्हें ढाई दिन के लिए मायके जाने की अनुमति दी। ढाई दिन मायके में रहने के दौरान समाज की महिलाएं पूरे समय व्रत, उपवास और भजन, छप्पन भोग आदि अनुष्ठानों से उनकी आवभगत के लिए रात्रि जागरण भी करती हैं।