खैरा समेत चार विधायकों पर दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की मांग, हाईकोर्ट पहुंची याचिका
2017 पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से जीते सुखपाल खैरा, बलदेव सिंह, नजर सिंह मनशाहिया और अमरजीत सिंह संदोआ पर दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए जनहित याचिका हाईकोर्ट पहुंची है। सुखपाल खैरा ने पंजाब एकता पार्टी बना ली है जिसमे बलदेव सिंह शामिल हो चुके हैं तो नाजर सिंह मनशाहिया और अमरजीत सिंह संदोआ कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
चीफ जस्टिस रवि शंकर झा एवं जस्टिस राजीव शर्मा की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर फिलहाल बिना कोई निर्देश जारी कर सुनवाई 22 अक्तूबर तक स्थगित कर दी है। रविंदर सिंह राणा ने एडवोकेट बलतेज सिंह सिद्धू के जरिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि चारों विधायक अपनी पार्टी छोड़ चुके हैं बावजूद इसके इन्हें विधायकों को मिलने वाली सभी सुविधाएं दी जा रही है।
दलबदल विरोधी कानून के तहत इन सभी की विधानसभा सदस्य्ता रद्द की जानी चाहिए और इन्हे विधायक के तौर पर मिल रहा वेतन और अन्य सुविधाएं भी बंद की जानी चाहिए। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में सुखपाल सिंह खैरा भुलत्थ से, बलदेव सिंह जैतो से, नाजर सिंह मनशाहिया मानसा से और अमरजीत सिंह संदोआ रूपनगर सीट से चुनाव जीते थे।
सुखपाल सिंह खैरा ने इसी वर्ष 6 जनवरी को आम आदमी पार्टी की सदस्य्ता से त्यागपत्र दे दिया था और बाद में अपनी पार्टी पंजाब एकता पार्टी का गठन किया था। इसी वर्ष हुए लोकसभा चुनावों में वह पंजाब एकता पार्टी के टिकट से बठिंडा से चुनाव भी लड़ चुके हैं। बलदेव सिंह भी आम आदमी पार्टी को छोड़ पंजाब एकता पार्टी में शामिल हो चुके हैं और वह भी इसी वर्ष फरीदकोट सीट से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
नाजर सिंह मनशाहिया और अमरजीत सिंह संदोआ दोनों ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। याची ने कहा कि जिस आम आदमी पार्टी की टिकट पर यह चारों चुनाव लड़ विधायक बने थे अब उस पार्टी को छोड़ चुके हैं। ऐसे में इन सभी के खिलाफ दलदबल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मांग को लेकर याचिकाकर्ता ने राष्ट्रपति, पंजाब के राज्यपाल सहित इन चारों को 31 मई को लीगल नोटिस भी भेजा था जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।