हरियाणा विस चुनावः कई सीटों पर बागियों ने उलझाए समीकरण, ‘व्याकरण’ समझने में जुटी पार्टियां

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर बागियों ने समीकरणों को उलझा दिया है। इससे मुकाबला रोचक और चुनौतीपूर्ण बन चुका है, लेकिन खेल खराब भी हो सकता है। ऐसे में प्रत्याशी इन समीकरणों का ‘व्याकरण’ समझकर जीत की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। इन प्रत्याशियों के लिए बगावत के बाद बिगड़े समीकरणों को साधकर माहौल को अपने पक्ष में करना बड़ी चुनौती बन चुका है। जो प्रत्याशी इन चुनौतियों से पार पा गया, तो निसंदेह उसके लिए जीत की राह आसान हो सकती है।
विधानसभा चुनाव के दौरान जब दलों ने टिकट वितरण कर अपने धुरंधर मैदान में उतारे, तभी से दलों में बगावत के सुर उठने लगे। भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में सबसे ज्यादा बगावत हुई। वे नेता जो इस विधानसभा चुनाव में अपनी टिकट पक्की मानकर चल रहे थे। ऐनवक्त पर उनका टिकट कटने के बाद वे नाराज हो गए। जिसके बाद इन बागियों ने न केवल ‘अपनों’ के खिलाफ बतौर आजाद प्रत्याशी परचे भर दिए, वहीं अब ये बागी प्रत्याशी अपने दलों केप्रत्याशियों के वोट बैंक में भी बड़ी सेंधमारी कर रहे हैं।

इन बागियों की वजह सभी सीटों पर उलझे समीकरणों को साधने के लिए हालांकि भाजपा और कांग्रेस के आला नेता प्रयासरत रहे। लेकिन जिन प्रत्याशियों ने आजाद परचे भर दिए, उनके खिलाफ इन दलों ने कार्रवाई करने से भी परहेज नहीं किया। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख तक भाजपा और कांग्रेस ने अपने बागियों को मनाने का पूरा प्रयास किया। कई जगह दलों को कामयाब भी मिली। लेकिन जहां नेता नहीं माने, वहां पार्टियों ने उनसे किनारा करने से परहेज भी नहीं किया।

भाजपा ने भी अपने बागियों को पार्टी से निष्कासित किया, तो कांग्रेस ने भी अपने बागियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। कांग्रेस के प्रदेश कोषाध्यक्ष एडवोकेट रोहित जैन ने कहा कि जो कांग्रेसी बागी हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ मैदान में भाजपा को टक्कर दे रही है। एडवोकेट जैन के अनुसार नतीजे कांग्रेस के लिए सुखद रहेंगे।   भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण अत्रेय ने कहा कि भाजपा सभी सीटों पर मजबूती से अपने विरोधियों को टक्कर दे रही है। पूरा भरोसा है कि भाजपा अपने मिशन 75 प्लस के लक्ष्य को प्राप्त करेगी।

भाजपा के बागियों ने इन सीटों पर उलझा रखे हैं समीकरण
– पूंडरी से आजाद विधायक दिनेश कौशिक ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। उन्हें भाजपा से प्रत्याशी बनाए जाने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन भाजपा ने दांव एडवोकेट वेदपाल पर खेला। जिसके बाद दिनेश कौशिक फिर इस सीट से आजाद उम्मीदवार के रूप में खड़े हैं। जबकि भाजपा के पूर्व प्रत्याशी रणधीर गोलन ने भी यहां आजाद परचा भरा है। ऐसे में इस सीट पर भाजपा ने बड़ी चुनौती है।
– गुहला चीहका सीट से इस बार भाजपा ने रवि तारांवली को टिकट दी है। भाजपा ने मौजूदा विधायक कुलवंत बाजीगर का टिकट काटा है। लेकिन दूसरी ओर इस सीट से भाजपा की टिकट के एक और दावेदार देवेंद्र हंस ने आजाद परचा भरकर समीकरण बिगाड़ने का काम किया है।
– चरखीदादरी सीट पर भी मामला रोचक है। भाजप ने पहलवान बबीता फौगाट पर दांव खेला है। इस बार से नाराज भाजपा नेता सोमबीर सांगवान आजाद ही मैदान में उतर गए है। उधर, इस सीट से जजपा ने पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान को मैदान में उतारा है, तो कांग्रेस की ओर से भी मेजर नृपेंद्र सिंह सांगवान मैदान में है। समीकरणों का व्याकरण यहां भी उलझा है।
– असंध से मौजूदा विधायक सरदार बख्शीश सिंह विर्क पर ही भाजपा ने दोबारा दांव खेला है। लेकिन यहां से भाजपा नेता संजय मेहला अपनी दावेदारी ठोक रह थे। लेकिन टिकट नहीं मिला तो उन्होंने आजाद ही ताल ठोक रखी है।
– नीलोखेड़ी से भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक भगवान सिंह कबीरपंथी को फिर से प्रत्याशी बनाया है। मगर यहां भाजपा नेता धर्मपाल गोंदर टिकट के चाहवान थे। टिकट नहीं मिली तो गोंदर आजाद ही मैदान में उतरकर समीकरण बिगाड़ने में आमादा हैं।
– महम सीट से भाजपा ने शमशेर सिंह खरकड़ा को चेहरा बनाकर मैदान में उतारा है। इस पर जिला परिषद के चेयरमैन रहे बलराज कुंडू खफा हो गए। टिकट के लिए उन्होंने चेयरमैन पद से इस्तीफा भी दिया। मगर टिकट नहीं मिली। अब आजाद मैदान में उतरकर मुकबला रोचक बना रहे हैं।
– बादशाहपुर से पूर्व मंत्री राव नरबीर की टिकट भाजपा ने काटी। राव नरबीर नाराज हुए। लेकिन सीएम मनोहर लाल उन्हें मनाने में कामयाब रहे। राव नरबीर ने बगावत तो नहीं की, मगर उनके समर्थक अभी भी नाराज है। उधर, कांग्रेस ने राव नरबीर के भाई कमलवीर यादव को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया। जबकि भाजपा से मनीष यादव मैदान में है। सीट के समीकरण उलझे हैं, मगर मुकाबला रोचक है।
– रेवाड़ी सीट से भाजपा के मौजूदा विधायक रणधीर कापड़ीवास इस बार टिकट पाने में कामयाब नहीं हुए। इस बात से कापड़ीवास व उनके समर्थक इतने नाराज हुए कि कापड़ीवास आजाद ही मैदान में उतर गए। भाजप ने यहां से सुनील मुसेपुर को उतारा है। लेकिन मुसेपुर को यहां से रणधीर कापड़ीवास के अलावा कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव से दोहरी चुनौती झेलनी पड़ रही है और समीकरण खासे उलझ चुके हैं।
– समालखा से आजाद विधायक रवींद्र मच्छरौली ने चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम लिया था। खासी उम्मीद थी कि इस बार भाजपा उन्हें बतौर प्रत्याशी उतारेगी। मगर भाजपा ने यहां से टिकट शशिकांत कौशिक को दी। नाराज रवींद्र मच्छरौली बगावत पर उतर आए और अब आजाद मैदान में लड़ते हुए  विरोधियों को टक्कर दे रहे हैं। कांग्रेस ने यहां पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर  को मैदान में उतारा है।
– पुन्हाना सीट से भी आजाद प्रत्याशी रहीश भी चुनाव से पहले भाजपाई हो गए थे। मगर भाजपा ने रहीश की जगह नया चेहा नौक्षम चौधरी को रण में टिकट देकर उतार दिया। नाराज रहीश खान अब आजाद प्रत्याशी के रूप में नौक्षम के सामने डटे हैं। उधर, कांग्रेस के मोहम्मद इलियास मैदान है।
– पृथला सीट से भाजपा के सोहनपाल छौक्कर मैदान में है। लेकिन पिछली बार  भाजपा के पूर्व प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाले नैनपाल रावत इस बार टिकट न मिलने नाराज होकर मैदान में समीकरणों को बिगाड़ रहे हैं।

कांग्रेस के बागी इन सीटों पर बिगाड़ना चाह रहे गणित
– अंबाला कैंट से पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की पूर्व पार्षद बेटी चित्रा सरवारा टिकट चाह रही थी। लेकिन कांग्रेस ने यहां से वेणु सिंगला अग्रवाल को मैदान में उतारा। इससे नाराज चित्रा सरवारा आजाद मैदान में उतरकर अपने कांग्रेसी प्रत्याशी का ही गणित खराब करने में जुटी हैं।
– अंबाला सिटी सीट से पूर्व मंत्री निर्मल सिंह इसलिए आजाद मैदान में कूदे हैं, क्योंकि कांग्रेस हाईकमान ने कैंट सीट से उनकी बेटी चित्रा का टिकट काटा। अब निर्मल खुद भी सिटी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जसबीर मल्लौर का खेल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं।
– पुन्हाना सीट पर कांग्रेस ने ऐनवक्त पर पूर्व मंत्री मोहम्मद अजाज खान को पीछे हटाकर मोहम्मद इलियास को आगे बढ़ा दिया। कांग्रेस के इस रवैये से नाराज मोहम्मद अजाज खान ने कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खेाला हुआ है।
– असंध सीट से कांग्रेस की टिकट के दावेदार माने जा रहे पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष जिले राम शर्मा अब आजाद प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस प्रत्याशी शमशेर सिंह विर्क गोगी को टक्कर दे रहे हैं।
– अटेली सीट से कांग्रेस ने राव अर्जुन सिंह को मैदान में उतारा हुआ है। लेकिन नाराज पूर्व मुख्य  संसदीय सचिव नरेश यादव आजाद मैदान में उतरकर समीकरण बिगाड़ने का काम कर रहे हैं।
– उकलाना सीट से पूर्व विधायक नरेल सेलवाल खुद को कांग्रेस की टिकट का प्रबल दावेदार मान रहे थे। लेकिन टिकट बाला देवी पाने में कामयाब ही। नाराज सेलवाल अब आजाद मैदान में डटकर मुकाबला रोचक बना रहे हैं।
– बरवाला सीट से रामनिवासी घोड़ेला ने कांग्रेस प्रत्याशी भूपेंद्र गंगौर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मैदान में ताल ठोक रखी है। जिससे कांग्रेस प्रत्याशी के लिए समीकरण भी उलझे हुए है।
– इसी तरह इंद्री सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नवजोत कश्यप पंवार के खिलाफ दावेदार राकेश कंबोज, गुुरुग्राम से प्रत्याशी सुखबीर कटारिया के खिलाफ गजे सिंह कबलाना, हांसी से प्रत्याशी ओम प्रकाश पंघाल के खिलाफ दावेदार प्रेम मलिक, नरवाना से प्रत्याशी विद्या रानी के खिलाफ अंजना वाल्मीकि, बेरी से प्रत्याशी रघुबीर सिंह कादियान के खिलाफ अजय अहलावत, रोहतक में मोहित ने बगावत छेड़ रखी है। जिस वजह से इन सीटों पर भी कांग्रेसियों को विरोधियाें के साथ-साथ अपनों से भी जूझना पड़ रहा है।

 

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