चिन्मयानंद यौन शोषण मामला: हाईकोर्ट में 200 पन्नों की जांच रिपोर्ट पेश करेगी SIT
प्रयागराज. पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद (Chinmayanand) पर एलएलएम की छात्रा (LLM Student) से दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न (Rape and Sexuals Harassment Case) के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की डिवीजन बेंच मंगलवार को सुनवाई करेगी. आज की सुनवाई में मामले की जांच कर रही एसआईटी प्रोग्रेस रिपोर्ट (SIT Progress Report) अदालत में दाखिल करेगी. लगभग 200 पन्नों की सील बंद रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने के साथ ही एसआईटी मोबाइल डाटा और आवाज मिलान की रिपोर्ट भी पेश करेगी. उधर, रंगदारी मामले में गिरफ्तार पीड़ित छात्रा की जमानत याचिकर पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.
पूरे मामले की जांच नवीन अरोड़ के नेतृत्व वाली एसआईटी कर रही है. एसआईटी ने एलएलएम छात्रा से दुष्कर्म के मामले की जांच छह सितंबर से शुरू की थी. इसके साथ ही एसआईटी चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगे जाने के मामले की भी हाईकोर्ट की मॉनीटरिंग में जांच कर रही है. आज होने वाली सुनवाई जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस पंकज भाटिया की डिवीजन बेंच में होगी.
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?
बता दें कि मामले कि पिछली सुनवाई 23 सितम्बर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई थी. हाईकोर्ट में करीब डेढ़ घंटे तक सुनवाई चली थी, जिसमें हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने चिन्मयानंद की ब्लैकमेलिंग मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर छात्रा की ओर से दाखिल अर्जी को ठुकरा दी थी. अदालत ने कहा था कि यह स्पेशल बेंच है, जो सिर्फ एसआईटी जांच की मॉनिटरिंग करेगी. हालांकि, जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस मंजू रानी चौहान की खंडपीठ ने छात्रा से कहा था कि गिरफ़्तारी पर रोक के लिए अलग से नियमित कोर्ट में अर्जी दाखिल की जा सकती है.
SIT जांच से संतुष्ट दिखा था कोर्ट
अदालत ने छात्रा द्वारा मजिस्ट्रेट के सामने 164 का बयान दोबारा दर्ज कराए जाने की अर्जी भी ठुकरा दी थी. अदालत ने कहा था कि छात्रा ट्रायल कोर्ट में इसके लिए अर्जी दाखिल कर सकती है. यह कोर्ट निचली अदालत के काम में दखल नहीं देगी. छात्रा ने मजिस्ट्रेट बयान के वक्त एक अंजान महिला के मौजूद रहने व सिर्फ अंतिम पेज पर ही दस्तखत कराने का सुनवाई के दौरान आरोप भी लगाया था. अदालत ने यूपी सरकार की ओर से इस मामले की सुनवाई बंद कमरे में किये जाने की मांग भी अस्वीकार कर दी थी. मामले की सुनवाई शुरू होने पर सबसे पहले एसआईटी ने सील बंद लिफाफे में जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की थी. एसआईटी ने तीन लिफाफे में अदालत को प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपी थी. एसआईटी आईजी नवीन अरोड़ा ने सबूत के तौर पर पेन ड्राइव, सीडी व अन्य डाक्यूमेंट भी कोर्ट में पेश किया था. हांलाकि, अदालत एसआईटी की तब तक की जांच से फौरी तौर पर संतुष्ट नजर आयी थी. कोर्ट ने एसआईटी को 22 अक्टूबर को कोर्ट में अगली प्रोग्रेस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था.
गौरतलब है कि मामले की सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्पेशल बेंच गठित की है. एसआईटी ने प्रारम्भिक जांच और पूछताछ के बाद स्वामी चिन्मयानंद को 20 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस मामले में एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने वाले तीन आरोपी युवकों को भी 20 सितम्बर को ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जबकि पीड़िता को भी कोर्ट से अरेस्ट स्टे न मिलने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.