कमलेश तिवारी के लिए ‘सजा-ए-मौत’ का ऐलान करने वाले आसिम अली ने लड़ा था नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव
लखनऊ. कमलेश तिवारी हत्याकांड (Kamlesh Tiwari Murder Case) में गिरफ्तार साजिशकर्ता सैय्यद आसिम अली (Syed Asim Ali) ने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) बीजेपी (BJP) के नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के खिलाफ लड़ा था. माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के बैनर पर लड़े इस चुनाव में आसिम को छह हज़ार वोट मिले थे. उसने चुनाव आयोग में दाखिल अपने हलफनामे में दसवीं तक पढ़ाई करने और एक मुकदमे का ज़िक्र भी किया था. आसिम अली को महाराष्ट्र एटीएस ने नागपुर से गिरफ्तार किया है. उसे यूपी पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लेकर आई है. पुलिस आज उसे कोर्ट में पेश कर कस्टडी रिमांड मांगेगी.
25 अक्टूबर 2017 में आसिम ने यूट्यूब पर अपना एक वीडियो डाला था, जिसमें कमलेश तिवारी को चुनौती देते हुए उसे मौत की सज़ा देने की बात कही थी. यह बयान भी अब पुलिस जांच का हिस्सा है. बताया जाता है कि आसिम अपने भड़काऊ बयानों के चलते महाराष्ट्र और गुजरात के मुस्लिम युवाओं में पैठ बनाने की कोशिश में लगा रहता है. अपने ऐसे बयानों और पार्टी के ज़रिए ही आसिम हत्यारोपियों के संपर्क में आया था. कमलेश की हत्या के लिए अशफ़ाक और मोइनुद्दीन को भड़काने का शक आसिम पर है.
हत्यारोपियों ने किया था आसिम को फोन
हत्यारोपियों ने कमलेश की हत्या को अंजाम देने के बाद आसिम को फोन किया था. सूत्रों के मुताबिक, आसिम ने ही आरोपियों को बरेली में एक मौलाना की मदद से रुकवाया था, जहां आरोपियों ने अपना इलाज भी करवाया था. आसिम ने ही आरोपियों को नेपाल निकलने की सलाह और मदद दी थी. फिलहाल आसिम को पुलिस ने कमलेश तिवारी की हत्या की साज़िश रचने के मामले में गिरफ्तार किया है. बुधवार को लखनऊ पुलिस आसिम की पुलिस कस्टडी रिमांड मांगेगी.
सुन्नी यूथ विंग का वाइस प्रेसिडेंट है आसिम
आसिम अली सुन्नी यूथ विंग का उपाध्यक्ष भी है. वह लगातार यूट्यूब और फेसबुक के जरिए मुस्लिम युवाओं को भड़काने का प्रयास कर रहा था. उसके कई भड़काऊ भाषण यूट्यूब पर हैं. बावजूद इसके वह सुरक्षा एजेंसियों के निगाहों में अब तक नहीं आया.