मेयर चुनाव विवाद: वापस होगा गैर पार्षद को निकाय प्रमुख बनाने का प्रावधान!
जयपुर. गैर पार्षद को निकाय प्रमुख बनाने के प्रावधान पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के दखल के बाद कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार इस मुद्दे पर पुनर्विचार कर सकती है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे (Avinash Pandey) ने इस मसले पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से बातचीत की है. जानकारी के अनुसार, पांडे ने धारीवाल को हाइब्रिड फार्मूले को लेकर पैदा हुए विवाद को दूर करने को कहा है. साथ ही धारीवाल को सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Deputy Chief Minister Sachin Pilot) से मिलकर विवाद को समाप्त करने का निर्देश दिया है. सूत्रों के अनुसार, गैर पार्षद को निकाय प्रमुख बनाने का प्रावधान वापस हो सकता है.
सोनिया गांधी के दखल के बाद सक्रिय हुए पांडे
डिप्टी सीएम सचिन पायलट और कुछ मंत्रियों ने हाइब्रिड मॉडल पर सवाल उठाए थे. इस पर विवाद बढ़ा तो सोनिया गांधी ने प्रदेश प्रभारी से रिपोर्ट तलब की है. अविनाश पांडे ने सोनिया के दखल के बाद इस मामले में एक्शन लिया है. पांडे ने कहा, 'मैंने यूडीएच मंत्री को इस मसले के निस्तारण के लिए कहा है. वह सीएम और डिप्टी सीएम से मिलें और यदि कोई आपत्तिजनक प्रावधान है तो उसे हटा दें.'
डिप्टी सीएम पायलट और सरकार के मंत्रियों का विरोध
निकाय चुनाव में मेयर या सभापति के चुनाव के लिए इस हाइब्रीड व्यवस्था का सरकार को अब अपनों से ही मुखालफत झेलनी पड़ रही है. इस नई व्यवस्था के तहत अब पार्षद का चुनाव नहीं लड़ने वाले व्यक्ति और हारे हुए प्रत्याशी को भी मेयर या सभापति बनने की छूट दी गई है. इस निर्णय को उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Deputy Chief Minister Sachin Pilot) ने गलत बताया है. उन्होंने कहा है कि यह फैसला बदलना चाहिए. वहीं, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) और खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा (Ramesh Meena) ने इस तरीके को गलत बताया था.