आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में 28 हजार से ज्यादा बच्चों ने छोड़ दी पढ़ाई, जानिए वजह
झाबुआ: पश्चिमी मध्यप्रदेश के आदिवासी झाबुआ जिले में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का चौकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. जिले के 28 हजार से अधिक 6 से 14 वर्ष के बच्चे स्कूल छोड़ चुके है. सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद सरकारी व्यवस्था बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से नही जोड़ पा रही है.
जिले के ग्रामीण इलाके के इस स्कूल में बच्चे अपने सहपाठियों को अंग्रेजी और गणित का पाठ पढ़ा रहे है. ऐसे हजारों बच्चों की क्वालिटी एजुकेशन और शिक्षा के प्रति प्रोत्साहन के लिये सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है. लेकिन, राज्य शिक्षा केंद्र से जारी आंकड़ों के मुताबिक, जिले के 28 हजार 666 बच्चें स्कूल छोड़ चुके हैं. प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से स्कूल में प्रवेश दिलवाए जाने के फरमान के बाद जिला प्रशासन महज 3 हजार 192 बच्चों को ही पुनः प्रवेश दिला पाया है.
जिला सर्व शिक्षा अभियान ने निरीक्षण के बाद शाला त्यागी व अप्रवेशी बच्चों के 28 हजार 666 के आंकड़े को गलत बताया. स्थानीय प्रशासन का दावा है कि यह आंकड़ा करीब 15 हजार है. जारी किए गए आंकड़ों में कई ऐसे नाम हैं, जो यहां तो अपने परिजनों के साथ पलायन कर गए हैं या उनकी उम्र अधिक हो गई है. हालांकि, वे शेष बच्चों के जल्द इनरोलमेंट का दावा कर रहे हैं.
शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षा के प्रति जागरूकता के लिये सरकार की योजनाओं में करोड़ों खर्च हो जाने के बावजूद शाला त्यागी बच्चों का आंकड़ा कई सवाल खड़े कर रहा है. ऐसे हालातों से सरकारी सिस्टम की निष्ठा और ईमानदारी पर सवाल खड़े होना लाजमी है.
फैक्ट फाइल (विकासखंडवार शाला त्यागी व अप्रवेशी बच्चों की कुल संख्या)
ब्लॉक लक्ष्य हासिल लक्ष्य
थांदला 4810 507
रामा 4028 394
झाबुआ 6405 611
मेघनगर 4085 531
राणापुर 4587 486
पेटलावद 4751 663
कुल 28666 3192
फैक्ट फाइल (विकासखंडवार शाला त्यागी व अप्रवेशी बच्चों की संख्या)
ब्लॉक लक्ष्य(बी) हासिल लक्ष्य लक्ष्य(जी) हासिल लक्ष्य
थांदला 2412 283 2398 224
रामा 2195 268 1833 126
झाबुआ 3362 370 3043 241
मेघनगर 2166 319 1919 212
राणापुर 2548 325 2039 161
पेटलावद 2396 400 2355 263
कुल 15079 1965 13587 1227