क्या अमेरिका और उत्तर कोरिया की धमकियों से शुरू होगा परमाणु युद्ध?
वॉशिंगटन . अमेरिका और उत्तर कोरिया का तनाव अपने चरम पर है। डॉनल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अमेरिका नॉर्थ कोरिया पर इस तरह कार्रवाई करेगा कि दुनिया ने ऐसा पहले कभी देखा नहीं होगा। उधर प्योंगयांग ने भी अपने आक्रामक तेवर को बरकरार रखते हुए कहा है कि अगर अमेरिका उसपर कोई भी हमला करता है, तो वह उससे हजार गुना ज्यादा बदला लेगा। इतना ही नहीं, नॉर्थ कोरिया ने तो गुआम पर हमला करने की भी धमकी दे दी। जापान ने तो उत्तर कोरिया की ओर से परमाणु हमले की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए अपने यहां लोगों को ऐसी स्थिति के मद्देनजर खास प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच देश यही सोच रहे हैं कि क्या दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर पहुंच चुकी है? क्या परमाणु युद्ध छिड़ने वाला है? लोगों को चाहे जो भी लगता हो, लेकिन विशेषज्ञों का जवाब है कि शायद ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।
बस एक-दूसरे को धमका रहे हैं ट्रंप और किम जोंग-उन?
ज्यादातर लोगों का मानना है कि ट्रंप उत्तर कोरिया को लेकर जो बयान दे रहे हैं, वे महज धमकियां हैं। हालांकि कई लोगों का यह भी कहना है कि इतिहास में कई बार धमकियों के कारण भी युद्ध छिड़ चुका है। यह खबर आने के बाद कि नॉर्थ कोरिया ने इतने छोटे आकार के परमाणु हथियार विकसित कर लिए हैं जिन्हें मिसाइल की मदद अमेरिकी मुख्यभूमि तक भेजकर न्यूक्लियर हमला किया जा सकता है, स्थितियां और ज्यादा बिगड़ गई हैं। जाने-माने आर्म्स कंट्रोल विशेषज्ञ जेफरी लुइस ने मौजूदा हालातों को 'युद्धप्रियता का उत्सव' बताया है।
उत्तर कोरिया की शैली में बोल रहा है अमेरिका?
ट्रंप की ताजा चेतावनी को अमेरिका और उत्तर कोरिया के संबंधों के लिहाज से काफी अप्रत्याशित माना जा रहा है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब नॉर्थ कोरिया और अमेरिका, दोनों का अंदाज कमोबेश एक जैसा नजर आ रहा है। अब तक जिस तरह नॉर्थ कोरिया अमेरिका को धमकाया करता था और भड़काऊ बयान जारी करता था, वैसा ही अब ट्रंप करते दिख रहे हैं। ट्रंप की ताजा चेतावनी के कुछ ही घंटों बाद प्योंगयांग ने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान को झूठ और फर्जी बताते हुए कहा कि वह प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिकी भूभाग गुआम पर हमला करने की सोच रहा है। सोमवार को अमेरिका ने कोरियन प्रायद्वीप पर अपने दो B1-B बमवर्षक विमान उड़ाए थे। इससे पहले जुलाई में भी अमेरिका ने ऐसा किया था। लग रहा है कि नॉर्थ कोरिया ने इसी को ध्यान में रखते हुए गुआम पर हमला करने की धमकी दी है।
धमकियों का आदान-प्रदान कर रहे हैं अमेरिका और उत्तर कोरिया?
एक ओर जहां अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार उत्तर कोरिया को लेकर आक्रामक बयान दे रहे हैं, वहीं उनके विदेश नीति के प्रमुख रेक्स टिलरसन स्थिति को शांत करने की कोशिश करते नजर आए। टिलरसन ने अमेरिका जनता को परेशान न होने की सलाह दी। हालांकि टिलरसन की यह अपील ट्रंप पर बेअसर दिख रही है। ट्रंप ने तड़के सुबह ट्वीट किया कि अमेरिका का परमाणु हथियारों का जखीरा पहले से कहीं ज्यादा ताकतवर है। ट्रंप ने यह भी लिखा कि वह उम्मीद करते हैं अमेरिका को इन हथियारों का कभी इस्तेमाल न करना पड़े। ट्रंप के रुख के कारण कई लोगों को एक बड़े वैश्विक संघर्ष का खतरा भी दिखने लगा है। अगर ऐसा होता है तो परमाणु युद्ध की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। और अगर सच में ऐसा युद्ध छिड़ता है तो दुनिया का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाएगा। हालांकि विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि फिलहाल ट्रंप और नॉर्थ कोरिया जो कर रहे हैं, उसे महज धमकियों का आदान-प्रदान माना जाना चाहिए।