इंदौर में पहुंचा ब्लू व्हेल गेम, आत्महत्या करने छत पर पहुंचा छात्र बचा
इंदौर। शहर के चमेली देवी स्कूल में गुरुवार सुबह 'ब्लू व्हेल' गेम खेलने वाले एक छात्र द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने का मामला सामने आया है। सुबह 7:20 बजे सातवीं क्लास के एक छात्र ने तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया, इस दौरान उसे टीचर ने पकड़ लिया। जब उसे नीचे लाया गया तो वह घबराया हुआ था। पूछताछ में छात्र ने बताया कि वो पिछले कुछ दिनों से ब्लू व्हेल गेम खेल रहा था।
उसने गेम की 50 स्टेज भी पूरी कर ली थीं और अगली स्टेज पर पहुंचने के लिए उसे नीचे कूदना था, जिसके बाद उसे 2 करोड़ मिलते। सूचना मिलने के बाद राजेंद्र नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। स्कूल प्रशासन ने घटना की जानकारी छात्र के परिजनों को भी दी थी, जिसके बाद वो भी स्कूल पहुंच गए थे। ब्लू व्हेल गेम द्वारा लोगों को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले देशभर में सामने आ रहे हैं।
क्या है 'ब्लू व्हेल' गेम?
इसमें प्लेयर को 50 अलग-अलग टास्क दिए जाते हैं। ये सभी टास्क 50 दिनों में पूरे करने होते हैं। टास्क पूरा करने के बाद प्रमाण के तौर पर फोटो या वीडियो भी भेजना होता है। गेम में प्लेयर को एक ट्रेनर दिया जाता है। ये ट्रेनर ही 50 दिनों तक प्लेयर को नियंत्रित करता है। इसी की मदद से प्लेयर टास्क पूरा करता है। इसमें आधी रात में उठकर हॉरर फिल्म देखने, खुद को जख्मी करने, शरीर पर ब्लेड से ह्वेल का चित्र बनाने, होंठ काटने और छत से छलांग लगाने जैसे बेहद जोखिम भरे टास्क भी होते हैं। एक बार गेम शुरु करने के बाद उससे बाहर निकलना मुश्किल होता है। टास्क पूरा न करने पर प्लेयर को धमकी भरे मैसेज आते हैं।
'ट्राई' लगा सकती है पाबंदी
एक सॉफ्टवेयर कंपनी के संचालक विजय जैन कहते हैं कि ट्राई भी चीन और कई अरेबियन कंट्रीज की तरह इस तरह के मोबाइल गेम्स पर पूरी तरह पाबंदी लगा सकता है। उसके पास पर्याप्त अधिकार हैं। इसके साथ नई तकनीक ने पैरेंट्स के लिए भी ऐसे कई तरीके मुहैय्या करा दिए हैं जिनका इस्तेमाल कर वो बच्चे के मोबाइल पर दूर से ही निगाह रख सकते हैं।