अपनी ‘मौत’ के 8 महीने बाद लौटा, निकला अंकल का हत्यारा

बेंगलुरु . बस डिपो में जब उसका झुलसा हुआ 'शव' मिला तो यह समझा गया कि हादसे में उसकी मौत हो गई है। अब 8 महीने बाद यह बात सामने आई है कि वह हादसा नहीं था बल्कि मर्डर का केस था, वह भी उसके नहीं, किसी और के। ऐसा माना जा रहा था कि निंगराज बेलागुट्टी आग में जलकर मर गया, लेकिन वह जिंदा ही नहीं है बल्कि अपने अंकल का हत्यारा निकला। इस बात की पुष्टि पुलिस ने की। 

रविवार को जब निंगराज से पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि उसने अपने अंकल की हत्या की थी। वह जॉब के सिलसिले में आया था। फिलहाल उसे जेल में डाल दिया गया है। 

बस डिपो में सिक्यॉरिटी गार्ड का काम काम करने वाले बेलागुट्टी ने पुलिस के सामने कबूल किया किया कि उसने अपने अंकल चन्नप्पा को 31 दिसंबर 2016 की आधी रात को बस डिपो पर कत्ल कर दिया था। उस दिन पूरी तरह से जल चुकी बस में एक अज्ञात शख्स का जला हुआ शव मिला था, जिसे बेलागु्ट्टी का शव समझा गया। 

पुलिस को चार दिन पहले बेंगलुरु फॉरेंसिक लैब से डीएनए रिपोर्ट मिली, जो बेलागुट्टी की मां के सैंपल से से मैच नहीं कर रही थी। पुलिस को किसी गड़बड़ी का शक हुआ। बेलागु्टटी 8 महीने बाद लौटा और उसने बताया कि बस को उसने आग के हवाले किया था। उसने बताया कि कुछ व्यक्तिगत कारणों से अंकल की हत्या की थी। 

हावेरी के एसपी के परशुराम ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि निंगराज ने हत्या की बात कबूली है। निंगराज का कहना था कि उसके अंकल के एक रिश्तेदार के साथ नाजायज संबंध थे और वह उसकी पत्नी पर भी बुरी नजर रखता था। इन्हीं वजहों से उसने अपने अंकल का कत्ल कर दिया। निंगराज का अंकल चनप्पा बैचलर था और किसी ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करवाई थी।

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