वसंत वैली स्कूल ड्रामा फेस्टिवल: बच्चों ने घरों से दिखाया अपना टैलेंट
वसंत वैली स्कूल की ओर से साल 1992 से स्कूल ड्रामा फेस्टिवल का सालाना जश्न होता है. इसमें 10 साल तक की उम्र के बच्चे बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. इसके जरिए ये नन्हे-मुन्ने बच्चे ड्रामा के बारे में न सिर्फ अपनी समझ विकसित करते हैं, बल्कि पूरी तैयारी के साथ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं. बच्चों के लिए ये मंच उनके भीतर छुपे कला के स्रोत को बाहर लाने में बीते 28 साल से मददगार साबित हो रहा है.
इस साल फेस्टिवल का 29वां संस्करण था, तीन दिवसीय ये जश्न 17, 18 और 19 अगस्त को आयोजित किया गया. पहली बार ऑनलाइन वर्जन में हुआ ये फेस्टिवल बच्चों के साथ-साथ स्कूलों के लिए भी यादगार बन गया. ऑनलाइन होने के बावजूद फेस्टिवल में हिस्सा लेने में बच्चों का उत्साह कम नहीं नजर आ रहा था. इस साल भी दिल्ली और एनसीआर के बड़ी संख्या में स्कूलों ने इसमें भागीदारी की.
फेस्टिवल में हिस्सा लेने वाले 12 स्कूलों में से प्रत्येक के दस छात्रों ने "Rumour" यानी अफवाह शीर्षक पर आधारित नाटक का मंचन किया. इसमें खास बात ये है कि नाटक का शीर्षक और विषयवस्तु वसंत वैली स्कूल के कक्षा 5 के छात्रों द्वारा चुना गया था. इस नाटक की तैयारी के लिए प्रतिभागी स्कूलों के शिक्षकों ने स्टूडेंट्स को ऑनलाइन उत्सव के तौर-तरीकों से परिचित कराने के लिए एक वर्कशॉप आयोजित की थी.
इस फेस्टिवल का सबसे अनूठा पहलू ये होता है कि इसमें एक चुनी हुई थीम पर नाटक गढ़ना होता है, इससे छोटे-छोटे बच्चे स्क्रिप्ट तैयार करने के बहाने बहुत कुछ सीख जाते हैं. इस साल बच्चों को इसके लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया था. जिसमें उन्हें 10 मिनट की अवधि की रिकॉर्डिंग तैयार करनी थी. जिसमें वो खुद की स्क्रिप्ट तैयार करके उसका मंचन करें.
इसके बाद इन रिकॉर्ड किए गए नाटकों को भाग लेने वाले स्कूलों और वसंत वैली स्कूल के छात्रों के साथ संगीत और नृत्य के साथ प्रस्तुत किया गया. इस फेस्टिवल का उद्देश्य ये है कि बच्चे सीखने की एक प्रक्रिया से गुजरते हुए अपने अनुभव तैयार करें.
इस पूरी प्रोसेस से बच्चे ज्यादा से ज्यादा सीख सकें, इसके लिए ड्रामा उत्सव के हर दिन प्रतिभागी टीमों के साथ साक्षात्कार किए गए. वसंत वैली स्कूल ने कहा कि पहली बार ऑनलाइन माध्यम से होने के बावजूद ये फेस्टिवल बहुत सफल रहा. बच्चों के साथ प्रतिभागी स्कूलों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और फेस्टिवल में पूरे मन से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.