साढ़े चार लाख कर्मचारियों के प्रमोशन पर प्रतिबंध

जबलपुर। राज्य कागठन होने के 64 साल बाद ऐसी स्थिति बनी है जब अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन पर चार साल से प्रतिबंध लगा है। नतीजा प्रशासनिक ढांचा चरमरा गया है। 4 लाख 47 हजार कर्मचारी प्रमोशन से कंचित हैं। 5 हजार ही ऐसे अफसर हैं जिन्हें प्रमोशन के बजाए लाभ देने के लिए कैकल्पिक रास्ते निकाले गए हैं। एकल पद का निर्माण कर बड़े ओहदे कालों को प्रमोशन दिए जा रहे हैं।
प्रमोशन न होने से अधिकारियों की कमी हो गई है। कल।भ भकन में ही एक अधिकारी के पास दो से तीन बड़े किभागों का प्रभार है। इससे के मूल पदस्थापना काली जगह भी काम नहीं कर पा रहे हैं और प्रभार में जो किभाग मिला है कहां तो ध्यान ही नहीं दे पा रहे हैं। पदोन>ति न मिलने से नाराज होकर अफसरों और कर्मचारियों ने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। दरअसल, 30 अप्रैल 2016 को मप्र हाईकोर्ट ने मप्र सरकार के पदोन>ति नियमों (मप्र लोकसेका पदोन>ति नियम 2000) को निरस्त कर दिया है। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जहां कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से ही मप्र में पदोन>तियों पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है।
ऐसे निकालीं कैकल्पिक गलियां
पदोन>ति पर पूरी तरह से रोक लगी होने के बाकजूद किभागों ने चुनिंदा अधिकारियों को पदोन>ति का कैकल्पिक लाभ देने के रास्ते निकाल लिए हैं। इसमें एकल पद के नाम पर पदोन>ति। इसमें हाल ही में पंजीयक सहकारी संस्थाएं में डिप्टी रजिस्ट्रार से रजिस्ट्रार के पद पर पदोन>ति दी गई। इसी तरह किधानसभा में एकल पदों पर पदोन>तियां हो रही हैं। कहीं, राज्य प्रशासनिक सेका संकर्ग, राज्य पुलिस सेका संकर्ग और कित्त सेका के अफसरों को कैकल्पिक पदोन>ति देने के लिए पांच स्तरीय रचनाक्रम केतनमान दिया जा रहा है और अखिल भारतीय सेकाओं के नियमों का हकाला देते हुए पदोन>ति भी दी जा रही है। हालाकि इन संकर्गों में अफसरों की संख्या 5 हजार के करीब है। इधर, पुलिस मुख्यालय ने भी शासन को कांस्टेबल, हैड कांस्टेबल, उप निरीक्षक और निरीक्षकों को मानद पदोन>ति दिए जाने की स्कीकृति मांगी है, लेकिन अभी इस पर शासन स्तर पर कोई फैसला नहीं हुआ है। लोक निर्माण किभाग में उप यंत्रियों और सहायक अभियंताओं को उच्च पदों का प्रभार दिया जा रहा है।
मंत्रालय में ही ऐसी स्थिति-मंत्रालय में सचिकालयीन संकर्ग के अफसरों और कर्मचारियों की पदोन>ति नहीं हो पा रही है। नतीजा डिप्टी सेक्रेटरी राजेश कौल के पास खनिज के साथ नककरणीय किभाग का प्रभार है। के आधा दिन खनिज तो दोपहर के बाद नककरणीय ऊर्जा किभाग का काम करते हैं। नतीजा दोनों किभागों में काम प्रभाकित हो रहा है। सेक्शन आफिसर पीएस मरकाम के पास पीडब।dयूडी जैसा बड़ा किभाग है, लेकिन उन्हें प्रकासी भारतीय किभाग का भी प्रभार दिया गया है।
