BRICS में अपने ”करीबी देशों ” को घुसाने वाला चीन का प्लान हुआ फेल
पेइचिंग . चीन का भारत सहित 5 देशों के समूह BRICS में अपने दोस्तों को घुसाने का प्लान अब फेल होता नजर आ रहा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने साफ कर दिया है कि फिलहाल चीन की ब्रिक्स को विस्तार देने वाली BRICS-प्लस योजना पर विचार नहीं किया जा रहा है। चीन इस प्लान के जरिए अपने 'करीबी' देशों को समूह में स्थायी तौर पर शामिल करना चाहता था।
अगला BRICS समिट 3 और 4 सितंबर को चीन के शियामिन में होना है। इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन और अन्य सदस्य रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख भी शामिल होंगे। दोनों देशों के बीच डोकलाम को लेकर गतिरोध खत्म होने के बाद पीएम मोदी के ब्रिक्स समिट में शामिल होने की घोषणा की गई थी।
वांग यी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह संकेत दिए कि चीन ब्रिक्स के अन्य सदस्यों को इसके विस्तार से जुड़े प्लान को अमल में लाने के लिए राजी नहीं कर पाया। उन्होंने कहा, 'हमें BRICS प्लस के बारे में और विस्तार से बताने की जरूरत है ताकि इसके पीछे तर्क को समझने में मदद हो।' हालांकि वांग ने अन्य देशों को न्योता देकर ब्रिक्स के विस्तार करने वाले चीन के प्लान का बचाव भी किया।
वांग ने कहा चीन ने 5 गैर–ब्रिक्स देशों को समिट में शामिल होने का न्योता दिया था लेकिन यह अस्थायी व्यवस्था थी। मेजबान देश को यह छूट मिलती है। बीते साल भारत ने गोवा में ब्रिक्स समिट की मेजबानी की थी और उन्होंने भी कुछ पड़ोसी देशों को इसमें शामिल होने का न्योता दिया था। सूत्रों के मुताबिक, चीन काफी समय से स्थाीय ब्रिक्स प्लस व्यवस्था के लिए कैंपेनिंग कर रहा है ताकि गैर–ब्रिक्स सदस्य भी एक सक्रिय भूमिका निभा सकें। बता दें कि ब्रिक्स पहले 4 देशों का ही समूह था लेकिन बाद में चीन की कोशिशों से साउथ अफ्रीका भी इसमें शामिल हुआ था। समीक्षकों का कहना है कि चीन अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए ब्रिक्स का विस्तार करना चाहता है।
हालांकि, चीन के बेस्ट फ्रेंड माने जाने वाले पाकिस्तान को इसका न्योता नहीं मिला था। चीन ने अलग–अलग महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करने वाले थाईलैंड, मिस्र, ताजिकिस्तान, मेक्सिको और गिनी को न्योता दिया था। ये देश चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रोग्राम में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इससे पहले भी विशेषज्ञों ने माना था कि पाकिस्तान, श्री लंका और मेक्सिको जैसे अपने सहयोगी देशों को ब्रिक्स में शामिल करने के लिए ही चीन ने ब्रिक्स प्लस प्लान तैयार किया है।